सांसद अनुराग सिंह ठाकुर रेलवे मंत्री से मिले बाबा बालक नाथ सहित विभिन्न मंदिरों को रेलवे से जोड़ने की मांग
हमीरपुर/दिल्ली। सतीश शर्मा विट्टू। देवभूमि हिमाचल के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने देश के रेलवे मंत्री से मुलाकात कर हिमाचल प्रदेश में रेलवे को सुदृढ़ करने के लिए अपनी मांग को दोहराया। अनुराग सिंह ठाकुर का रेलवे को हमीरपुर तथा कांगड़ा क्षेत्र में सुदृढ़ करने के प्रयासों को सफलता मिली तो उत्तरी भारत के प्रमुख सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ तथा कांगड़ा जिला के विभिन्न धार्मिक स्थलों को रेलवे से जोड़कर एक नए अध्याय का सूत्रपात हिमाचल प्रदेश में होगा। इस संदर्भ में हमीरपुर स्वास्तिक क्षेत्र क्षेत्र के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्रीय रेलवे मंत्री से मुलाकात की है तथा अपना पक्ष रखा है। मंत्री द्वारा मिले आश्वासन से हिमाचल प्रदेश में इस क्षेत्र में रेलवे का लाभ लोगों को मिलेगा। बाबा बालक नाथ मंदिर के दर्शन के लिए देश विदेश से करोड़ों श्रद्धालु हर साल पहुंचते हैं। इसके अलावा कांगड़ा जिले के देवी के विभिन्न मंदिर रेलवे से जुड़ेंगे तो लोगों को अधिक सुविधा मिलेगी। वर्तमान में करोड़ों रुपए का चढावा मंदिर में श्रद्धालु अर्पित करते हैं इसके अलावा सोना चांदी विदेशी मुद्रा भी प्रदेश के मंदिरों में जमा हो रही है। रेलवे की विकास के लिए अनुराग सिंह ठाकुर लंबे समय से मांग कर रहे हैं परंतु शीर्ष नेतृत्व इस मांग को पूरा करने के लिए फिलहाल सफल नहीं हो पाया है। हिमाचल प्रदेश के आठ सांसद लोकसभा तथा राज्यसभा में अपनी सेवा में दे रहे हैं जिनमें से चार लोकसभा तीन राज्यसभा हिमाचल कोटे से तथा एक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा अन्य राज्य के सहयोग से विधानसभा में पहुंचे हैं तथा केंद्र में मंत्री भी है लेकिन सबकी अलग-अलग रहे होने के कारण अनुराग सिंह ठाकुर की इस मांग को बल नहीं मिल पा रहा है। हिमाचल प्रदेश के सभी सांसदों को मिलकर प्रधानमंत्री के समक्ष इस मांग को उठाना चाहिए। प्रधानमंत्री के करीबी सांसदों में इंदु गोस्वामी, जगत प्रकाश नड्डा, अनुराग सिंह ठाकुर, डॉक्टर सिकंदर कुमार प्रमुख तौर पर शामिल है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजीव बिंदल तथा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सब मिलकर प्रधानमंत्री के माध्यम से रेलवे मंत्री को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने के लिए मांग रखें तो देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भी रेलवे का विस्तार हो सकता है। वर्तमान में सभी सांसद हिमाचल प्रदेश के मामलों में एक साथ आवाज को उठाने के लिए पूरी तरह से सफल नहीं हुए हैं।







