धर्मशाला, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सांसद डॉ राजीव भारद्वाज ने कहा कि देश और प्रदेश में हिमाचल जैसे शांतिप्रिय राज्य लगातार किरकिरी हो रही है। कांग्रेस नेताओं की अंतर्कलह एवं मंचों की लड़ाई अब सड़कों तक उतर आई है जिससे जनता को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा की ज्वालामुखी के निजी होटल में आयोजित बैठक के दौरान प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता प्रेम कौशल ने मंच से विधायक संजय रत्न को ‘राजनीतिक ठग’ कहा। शायद कांग्रेस ने नेता ने सच ही कह दिया क्योंकि उनको पूरे प्रदेश में सरकार की फौज दिख रही होगी और उस सरकार की पीएचडी ही ठगी में हुई है। जैसे ही प्रेम ने राजनीतिक ठग शब्द का प्रयोग किया बैठक का माहौल गर्म हो गया और लोगों में खलबली मच गई।
राजीव भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस सरकार के ठगी के किस्से पूरे देश में चर्चित है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में चालकों और परिचालकों को ओवरटाइम नाइट यानी रात्रि भत्ता और मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हुआ है। इसके चलते सरकार के विरुद्ध रोष है, 12 अक्टूबर 2024 को परिवहन निगम की स्वर्ण जयंती के अवसर पर हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद अपने मुख से घोषणा की थी कि रात्रि भत्ते और मेडिकल बिलों के भुगतान के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि निगम को जारी की जाएगी, लेकिन इस राशि का सरकार ने भुगतान नहीं किया। यह प्रदेश की कांग्रेस सरकार के ठगी के प्रमाण है, इस प्रकार के अनगिनत उद्धरण जनता के समक्ष है जिसको लेकर हिमाचल प्रदेश की जनता काफी परेशान है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ब्लैक स्पॉट को लेकर नई सूची नहीं मिल पाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इनको चिन्हित करने के लिए विशेष कमेटी बनाई है, मगर वहां से अब तक सूची नहीं मिल पाई है। बताया जाता है कि पिछले साल दिसंबर महीने तक यह सूचना वहां से आनी चाहिए थी, जिसके बाद यहां ब्लैक स्पॉट में सुधार के लिए कदम उठाए जाते, परंतु अब तक सूचना नहीं आने से काम शुरू नहीं हो पाया है। वैसे जो पुराने ब्लैक स्पॉट थे उनमें काफी ज्यादा सुधार यहां पर कर दिया है और पुरानी सूची के अनुसार राज्य में 717 ब्लैक स्पॉट हैं, जिनमें सुधार का काम चल रहा है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को ब्लैक स्पॉट पर तेजी के साथ काम करने को कहा है। पिछले तीन सालों में इन ब्लैक स्पॉट पर 395 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़े राज्य सरकार के हैं। पर प्रदेश सरकार ने अभी तक इस विषय पर भी कुछ नहीं किया।