आसान नहीं है जयराम होना
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जज्बे को सलाम
shimla। सतीश शर्मा। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में जयराम उठाकर पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं जिनकी परिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक न होकर साधारण परिवार में जन्म लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहा है मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर उन्होंने कभी himachal के लोगों को निराश नहीं किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैं मिस्त्री का बेटा हूं और मुझे गर्व है। जयराम ने himachal के लोगों के लिए कई योजनाएं शुरू की himachal हेल्पलाइन 1100 उन लोगों के लिए वरदान बनी जिन की समस्याओं का हल नहीं निकल पाता था। बुढ़ापा पेंशन योजना के लिए आयु सीमा 70 वर्ष तक उन्होंने रिकॉर्ड बनाया है राजा वीरभद्र सिंह से himachal की जनता मांग करती रही की आयु सीमा 80 साल से कम की जाए परंतु वीरभद्र भी नहीं कर पाए जो जयराम ठाकुर ने किया। उसके उपरांत हिम केयर योजना himachal के लोगों के जीवन के लिए संजीवनी बनी। सहारा योजना बेसहारों के लिए वरदान है जो अपाहिज होकर जीवन भर दूसरों पर आश्रित हो जाते थे लेकिन उनकी सुनता कोई नहीं था अब बेसहारों के लिए उनकी सहारा योजना वरदान बन गई है। उनकी विभिन्न योजनाएं वरदान बन गई हैं। हमीरपुर जिला में विभिन्न chairman तथा अध्यक्ष बनाकर उन्होंने कई भाजपा से जुड़े लोगों को महत्वपूर्ण पद प्रदान किए हैं। बड़सर विधानसभा क्षेत्र में एक पंचायत से rakesh बबली तथा kamal नयन को महत्वपूर्ण नियुक्ति दी है।