निजी स्कूल फीस नियंत्रक बिल सार्थक प्रयास , कुछ संशोधन आपेक्षित : टीजीटी कला संघ
हिमाचल प्रदेश निजी स्कूल शिक्षा फीस व अन्य मामले नियंत्रक बिल , 2021 एक सार्थक प्रयास है । इसमें वर्णित कुछ प्रावधानों में संशोधन हेतु सुझाव देते हुए सकारात्मक प्रावधानों का स्वागत हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने किया है । संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर सहित समस्त राज्य कार्यकरिणी व जिला इकाईयों ने इस बिल का स्वागत किया है । इस कानून के अनुसार निजी स्कूल लगातार 5 साल से पहले बच्चों की वर्दियाँ नहीं बदल सकेंगे और इस ड्रेस कोड में बदलाव हेतु जिला कमेटी से अप्रूवल लेना होगा जबकि किसी दुकान विशेष से स्टेशनरी, वर्दी आदि खरीदने हेतु भी निजी स्कूल आदेश नहीं दे सकेंगे और न ही ऐसी चीज़ें खुद स्कूल में बेच सकेंगे । निजी स्कूलों का केवल एक बैंक खाता होगा जिसमें अभिभावक ऑनलाईन या अन्य तरह से फीस दे सकेंगे लेकिन निजी स्कूल अब किसी तरह की डोनेशन या कैपिटेशन फीस स्कूल प्रबंधन, ट्रस्ट , कंपनी या किसी कमेटी के माध्यम से या स्वयं नहीं वसूल सकेंगे और अगर उनको ऐसा कोई दान विद्यार्थी, अभिभावक या शिक्षक देंगे तो उसका ब्यौरा शपथ-पत्र पर उक्त निजी स्कूल जिला कमेटी को देंगे । अगर निजी स्कूल जिला कमेटी द्वारा तय फीस से अधिक वसूलने के दोषी पाए गए तो वसूली फीस से दोगुणा राशि वापिस करेंगे व एक बार ऐसा दोष साबित होने पर एक लाख तक और दो बार दोषी पाए जाने पर 2 से 5 लाख तक का जुर्माना भरेंगे और 2 से अधिक बार दोषी साबित होने पर स्कूल अगले सत्र में बच्चे दाखिल नहीं कर सकेगा व मान्यता हेतु एनओसी नहीं मिलेगी । हर सत्र शुरू होने से 6 दिन पहले निजी स्कूल अपनी वेबसाईट पर फीस व शुल्कों का विवरण अपलोड करेंगे । फीस मासिक या त्रैमासिक ही वसूल सकेंगे , न कि सालाना फीस एकमुश्त ली जाएगी । रिफ़ंड होने वाले सुरक्षा शुल्क बच्चों को सत्र उपरांत ब्याज सहित देने होंगे । जिला कमेटी द्वारा सत्र के बाद फीस वृद्धि दर अधिकतम 6 प्रतिशत होगी । स्कूल प्रोस्पेक्ट्स सत्र शुरू करने से 60 दिन पहले बनाना होगा ।
क्या हैं संघ के सुधार सुझाव
संघ ने एक्ट के प्रावधान 19 में सिविल कोर्ट को जिला कमेटी या राज्य अपील अथॉरिटी से जुड़े किसी भी प्रकार का अधिकार क्षेत्र न देने में संशोधन की अपील की है । यदि मामला 15 लाख से कम राशि का हो तो जिला सत्र न्यायालय में अपील का अधिकार मिलना चाहिए । स्कूल त्याग प्रमाण-पत्र विद्यार्थियों या अभिभावकों को बिना किसी विलंब देने हेतु भी कड़े प्रावधान जोड़ने और निजी स्कूल शिक्षकों को बेहतर वेतन देने हेतु संघ ने सुझाव दिए हैं और जुर्माना राशियों को स्कूल के ग्रेड अनुसार तय करने की अपील की है । स्कूलों की सुविधा और विद्यार्थियों की संख्या अनुसार हर साल ग्रेडिंग करने और ग्रेड अनुसार वाजिब फीस तय करने हेतु भी संघ ने सुझाव दिए हैं और कोविड से अनाथ हुए बच्चों हेतु मुफ्त सीटें आरक्षित रखने की अपील की है ।