रामपुर के अंतिम राजा से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर
राजा नहीं फकीर है हिमाचल की तकदीर है
6 बार मुख्यमंत्री रह चुके राजा वीरभद्र सिंह
हिमाचल की राजनीति में गौरव से लिया जाता है वीरभद्र सिंह का नाम
3 जून जन्मदिन पर विशेष टॉप न्यूज़ हिमाचल की प्रस्तुति
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों में राजा वीरभद्र सिंह का नाम अदब के साथ दिया जाता है उनके चाहने वाले हिमाचल प्रदेश के हर गांव हर शहर हर गली हर घर में मिल जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में रामपुर के अंतिम राजा से मुख्यमंत्री तक का सफर पार करने वाले वीरभद्र सिंह को जैसा मैंने पत्रकारिता के 30 सालों में देखा तथा पाया टॉप न्यूज़ हिमाचल पर प्रस्तुत कर रहा हूं। वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को हुआ। उनका सपना शिक्षा विभाग में प्रोफेसर बनने का था लेकिन हिमाचल की राजनीति में उनको लाने का श्रेय कांग्रेस पार्टी को जाता है 1962 महीना जनवरी उनको कांग्रेस पार्टी में शामिल करवाया गया अपने जीवन काल मे उन्होंने कभी 1 घंटे के लिए भी कांग्रेस पार्टी को अलविदा नहीं कहा। केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री रहने के बावजूद 6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का ताज उनके सिर सजा। उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह तथा बेटियां अभिलाषा, अपराजिता तथा बेटे विक्रमादित्य। हिमाचल विधानसभा के लिए गौरव की बात है कि वर्तमान में बाप बेटा दोनों विधानसभा के समकालीन सदस्य हैं। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में यह अनोखा पल है।
वीरभद्र सिंह का जज्बा देश के नेताओं के लिए मिसाल है वह कभी गलत के आगे नहीं झुकते। हिमाचल की राजनीति में 6 बार मुख्यमंत्री बनना कोई आसान रिकॉर्ड नहीं है। विरोधियों को सबक सिखाना वह अच्छी तरह जानते हैं। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में पिछले 30 सालों से हमने पत्रकारिता के क्षेत्र में नजदीक से उन्हें देखा तथा समझा। व्यक्तिगत अनुभव से हम बता सकते हैं कि उनसे जो एक बार मिल लिया चाहे वह किसी भी पार्टी का हो सब का कार्य करने में रखते हैं विश्वास। हिमाचल प्रदेश का कोई ऐसा नेता नहीं होगा जिसकी कमजोरियों की फाइल राजा वीरभद्र सिंह ने न पढी है।
हिमाचल प्रदेश के कई नेताओं ने उनसे राजनीति में सबक सीखे हैं। मंडी के कांग्रेस पार्टी के नेता पंडित सुखराम शर्मा का सपना हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना था। एक बार ऐसा मौका भी आया जब केंद्र के नेता तथा हाईकमान पंडित सुखराम के साथ था लेकिन राजा वीरभद्र सिंह के चाहने वालों में शामिल विधायकों ने सारा खेल वीरभद्र के पक्ष में कर दिया। हमीरपुर जिले के लिए गौरवशाली इतिहास लिखा गया जब 1998 में प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए तथा कांग्रेस पार्टी तथा भाजपा की कड़ी टक्कर हुई दौरान भारतीय जनता पार्टी के आजाद नेता का समर्थन लेकर वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बन गए परंतु हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी के संस्थापक पंडित सुखराम, धर्मपुर मंडी के विधायक ठाकुर महेंद्र सिंह की जोड़ी ने वीरभद्र सिंह को समर्थन न देकर भाजपा के प्रेम कुमार धूमल को समर्थन देखकर हिमाचल प्रदेश में गठबंधन सरकार बनाई। राजा वीरभद्र सिंह गरीबों के मसीहा है जो उनके दरबार में चला गया कभी खाली हाथ नहीं लौटा। असंख्या अनकही कहानियां है जब राजा वीरभद्र सिंह ने गरीबों की दिल खोलकर मदद की। हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर जिले की एक महिला जिसके पति तथा ससुर की मृत्यु हो चुकी थी रोजगार के लिए वीरभद्र सिंह के दरबार में फरियाद लगाती है तथा मुख्यमंत्री उसको रास्ता सुझा कर रोजगार उपलब्ध करवा देते हैं। असंख्या नेताओं की पौध उन्होंने तैयार की।
हमीरपुर जिला में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की उनके गिरी जिला में हार के लिए वीरभद्र सिंह ने ताना-बाना बना तथा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थक रहे राजेंद्र राणा को ना केवल कांग्रेस में शामिल करवाया बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खिलाफ चुनाव में उतार कर राजेंद्र राणा को हिमाचल विधानसभा में पहुंचाया तथा हिमाचल प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के नाम हार का रिकॉर्ड भी दर्ज करवा दिया यह वीरभद्र सिंह की कूटनीतिक चाल का हिस्सा है।
बडसर विधानसभा की राजनीति में लगातार 3 चुनाव जीत चुके वलदेव शर्मा की हार के लिए खाका तैयार करने में वीरभद्र सिंह का योगदान अहम रहा। शिमला में काउंसलर रह चुके इंद्र दत्त लखन पाल को बड़सर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए भेजना तथा उसकी जीत के लिए ताना-बाना तैयार करना राजा वीरभद्र सिंह की कूटनीति का ही हिस्सा है। आज हमीरपुर जिला में वलदेव शर्मा तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सत्ता में वापस आने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लोकतंत्र में हार जीत चली रहती है।
दो बार करोना को मात दे चुके राजा वीरभद्र सिंह
कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राजा वीरभद्र सिंह सफल रहे हैं। उन्होंने दूसरी बार कोरोना को मात देकर रिकॉर्ड दर्ज किया है। आज उनके जन्मदिन पर हम टॉप न्यूज़ हिमाचल के दर्शकों की ओर से उनके स्वस्थ जीवन तथा दीर्घायु की कामना करते हैं।आज

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