टीजीटी से प्रवक्ता न्यू पदोन्नति में अंक अर्हता छूट की स्थिति हो स्पष्ट
पुराने नियमों में प्रमोशन को पात्र शिक्षक नए नियमों में हुए अपात्र , बदल नहीं सकते पदोन्नति विकल्प
हिमाचल प्रदेश में 19 अगस्त , 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों को पीजीटी /प्रवक्ता पदोन्नति बिना न्यूनतम अंक शर्त से छूट मिली थी मगर नए नियमों में इसका कोई ज़िक्र तक नहीं किया गया है । पीजीटी भर्ती नियमावली 2010 को संशोधित करते हुए 14 मई , 2012 को शिक्षा सचिव हिमाचल सरकार ने अधिसूचना संख्या ईडीएन -ए-ख (3)-98 -भाग -II के पदोन्नति नियम बदलते हुए साफ किया था कि टीजीटी से पीजीटी पदोन्नति पात्रता हेतु संबन्धित विषय व बी0एड0 कोर्स में न्यूनतम अंक प्राप्त करने की शर्त 19 अगस्त 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों पर लागू नहीं होगी । प्रदेश के हजारों टीजीटी शिक्षक इस अधिसूचना से लाभान्वित होने थे लेकिन 8 जुलाई , 2020 को प्रदेश शिक्षा विभाग ने प्रवक्ता स्कूल नई व्यवस्था भर्ती पदोन्नति नियमावली संशोधित करते हुए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों की शर्त संबन्धित विषय और बी0एड0 में भी लगा दी है और यह स्पष्ट नहीं किया है किया है कि 19 अगस्त , 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों को अब न्यूनतम अंकों की शर्त में वर्ष 2012 में मिली छूट बरकरार है या इस रद्द कर दी गई है ।इस तरह दोहरी अधिसूचनाओं के चलते शिक्षक समझ नहीं पा रहे कि उनकी पदोन्नति होगी या नहीं क्योंकि प्रदेश सरकार ने 35 टीजीटी कला शिक्षकों को उपरोक्त न्यूनतम अंकों में विशेष छूट 26 नवंबर, 2020 को दी थी जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया वर्ष 2002 में शुरू हुई थी मगर यह प्रक्रिया वर्ष 2011 में पूर्ण हुई थी । शेष शिक्षकों पर ये छूट लागू नहीं होती । इस तरह पुराने नियमों में जो शिक्षक पदोन्नति हेतु पात्र थे और नए नियमों अनुसार अपात्र हो चुके हैं । उन्होने पुराने नियमों के समय टीजीटी से पीजीटी प्रमोशन चैनल चुना और हेडमास्टर पदोन्नति विकल्प छोड़ा लेकिन अब नए नियम आने पर वे प्रवक्ता न्यू प्रमोट होने हेतु अपात्र हो गए और हेडमास्टर के लिए पात्र होकर भी प्रमोट नहीं होंगे क्योंकि पदोन्नति के लिए दिया गया विकल्प बदला नहीं जा सकता । इस बारे स्थिति स्पष्ट करने की अपील मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व प्रदेश महासचिव विजय हीर ने शिक्षा विभाग व सरकार से की है क्योंकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद नियमावली 12 नवंबर , 2014 के तहत कक्षा 10+1 और 10+2 स्तर पर बतौर शिक्षक (प्रवक्ता) नियुक्ति के लिए न्यूनतम अर्हता स्नातकोत्तर में 50 प्रतिशत अंक व बी0एड0 वाले भी पात्र हैं एवं एनसीटीई विनिमय 2002, 2007 के तहत स्नातक या स्नाकोत्तर में 45 प्रतिशत अंक लेने वाले बी0एड0 धारक भी पदोन्नति हेतु पात्र घोषित हैं । इस नियम को प्रदेश के प्रवक्ता स्कूल नई व्यवस्था नियमावली में नहीं जोड़ा गया है । इस तरह एनसीटीई से मिली छूट और प्रदेश शिक्षा विभाग की वर्ष 2012 की छूट नए नियमों में शामिल न किए जाने से अनेकों टीजीटी शिक्षक खफा हैं और ऐसे में संघ ने सरकार से इस मामले में विधिसंगत निर्णय लेने की अपील की है ।
टीजीटी से प्रवक्ता स्कूल न्यू टीईटी पर निर्णय अधर में
प्रशिक्षित कला स्नातक संघ महासचिव विजय हीर ने कहा कि एनसीटीई ने 3 फरवरी ,2021 को देश के समस्त शिक्षा सचिव को प्रेषित पत्र में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा 9 से 12 पढ़ाने हेतु भी टीईटी की अनिवार्य शर्त 31 मार्च , 2021 से प्रभावी करने की बात कही है और 23 अक्तूबर, 2020 के मद संख्या 145 के तहत एनसीटीई ने इस टीईटी हेतु निर्देशवाली व टैस्ट कम्पोनेंट रिपोर्ट बनाई है । इस तरह टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति हेतु टीईटी अनिवार्य होने जा रहा है जिसका विरोध भी हुआ है । ऐसे में टीईटी की शर्त लगेगी या नहीं , लगेगी तो पहली बार प्रवक्ता टीईटी कौन लेना, कब लेगा -इस बारे स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए । अचानक से नए नियम लाने पर पदोन्नति में विलंब हो जाता है ।
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टीजीटी से प्रवक्ता न्यू पदोन्नति में अंक अर्हता छूट की स्थिति हो स्पष्ट
पुराने नियमों में प्रमोशन को पात्र शिक्षक नए नियमों में हुए अपात्र , बदल नहीं सकते पदोन्नति विकल्प
हिमाचल प्रदेश में 19 अगस्त , 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों को पीजीटी /प्रवक्ता पदोन्नति बिना न्यूनतम अंक शर्त से छूट मिली थी मगर नए नियमों में इसका कोई ज़िक्र तक नहीं किया गया है । पीजीटी भर्ती नियमावली 2010 को संशोधित करते हुए 14 मई , 2012 को शिक्षा सचिव हिमाचल सरकार ने अधिसूचना संख्या ईडीएन -ए-ख (3)-98 -भाग -II के पदोन्नति नियम बदलते हुए साफ किया था कि टीजीटी से पीजीटी पदोन्नति पात्रता हेतु संबन्धित विषय व बी0एड0 कोर्स में न्यूनतम अंक प्राप्त करने की शर्त 19 अगस्त 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों पर लागू नहीं होगी । प्रदेश के हजारों टीजीटी शिक्षक इस अधिसूचना से लाभान्वित होने थे लेकिन 8 जुलाई , 2020 को प्रदेश शिक्षा विभाग ने प्रवक्ता स्कूल नई व्यवस्था भर्ती पदोन्नति नियमावली संशोधित करते हुए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों की शर्त संबन्धित विषय और बी0एड0 में भी लगा दी है और यह स्पष्ट नहीं किया है किया है कि 19 अगस्त , 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों को अब न्यूनतम अंकों की शर्त में वर्ष 2012 में मिली छूट बरकरार है या इस रद्द कर दी गई है ।इस तरह दोहरी अधिसूचनाओं के चलते शिक्षक समझ नहीं पा रहे कि उनकी पदोन्नति होगी या नहीं क्योंकि प्रदेश सरकार ने 35 टीजीटी कला शिक्षकों को उपरोक्त न्यूनतम अंकों में विशेष छूट 26 नवंबर, 2020 को दी थी जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया वर्ष 2002 में शुरू हुई थी मगर यह प्रshक्रिया वर्ष 2011 में पूर्ण हुई थी । शेष शिक्षकों पर ये छूट लागू नहीं होती । इस तरह पुराने नियमों में जो शिक्षक पदोन्नति हेतु पात्र थे और नए नियमों अनुसार अपात्र हो चुके हैं । उन्होने पुराने नियमों के समय टीजीटी से पीजीटी प्रमोशन चैनल चुना और हेडमास्टर पदोन्नति विकल्प छोड़ा लेकिन अब नए नियम आने पर वे प्रवक्ता न्यू प्रमोट होने हेतु अपात्र हो गए और हेडमास्टर के लिए पात्र होकर भी प्रमोट नहीं होंगे क्योंकि पदोन्नति के लिए दिया गया विकल्प बदला नहीं जा सकता । इस बारे स्थिति स्पष्ट करने की अपील मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व प्रदेश महासचिव विजय हीर ने शिक्षा विभाग व सरकार से की है क्योंकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद नियमावली 12 नवंबर , 2014 के तहत कक्षा 10+1 और 10+2 स्तर पर बतौर शिक्षक (प्रवक्ता) नियुक्ति के लिए न्यूनतम अर्हता स्नातकोत्तर में 50 प्रतिशत अंक व बी0एड0 वाले भी पात्र हैं एवं एनसीटीई विनिमय 2002, 2007 के तहत स्नातक या स्नाकोत्तर में 45 प्रतिशत अंक लेने वाले बी0एड0 धारक भी पदोन्नति हेतु पात्र घोषित हैं । इस नियम को प्रदेश के प्रवक्ता स्कूल नई व्यवस्था नियमावली में नहीं जोड़ा गया है । इस तरह एनसीटीई से मिली छूट और प्रदेश शिक्षा विभाग की वर्ष 2012 की छूट नए नियमों में शामिल न किए जाने से अनेकों टीजीटी शिक्षक खफा हैं और ऐसे में संघ ने सरकार से इस मामले में विधिसंगत निर्णय लेने की अपील की है ।