नई भर्तियों में भी पंजाब पे कमीशन ने घटाया वेतन
17 जुलाई 2020 के बाद भर्ती होने वाले समस्त कर्मचारी लेंगे कम वेतन
पुराने कर्मचारियों को पंजाब पे कमीशन से नाममात्र या कोई लाभ न मिलने से जहां तैनात कर्मचारी मायूस हैं , वहीं 17 जुलाई ,2020 के बाद हो रही भर्तियों में पंजाब सरकार ने 7वें वेतन आयोग के वे स्केल लागू कर दिए हैं जिनके कारण भर्ती हो रहे कर्मचारियों को काफी कम वेतन मिलेगा । एक तो करेला, दूसरा नीम चढ़ा। पंजाब के स्केल ही हिमाचल में लागू होते हैं और ऐसे में सूबे की आगामी भर्तियों के स्केल यहाँ भी घटेंगे । इस निर्णय को हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने अनुचित करार देते हुए हिमाचल में लागू न करने की अपील की है । संघ के राज्य अध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन लाल , महासचिव विजय हीर , स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज ,संघ प्रचारक ओम प्रकाश , प्रेस सचिव पवन रांगड़ा , जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त , शेर सिंह , नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप , पुष्पराज, रामकृष्ण , अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने संयुक्त रूप से इस मामले में पंजाब पैटर्न लागू न करने की अपील प्रदेश सरकार से की है । संघ महासचिव विजय हीर ने कहा कि पंजाब में नई भर्ती पर कर्मचारियों को तीन साल प्रोबेशन पर रखा जा रहा है जबकि उनके स्केल भी घटाए गए हैं । वर्तमान में क्लर्क का स्केल 10300-34800 व ग्रेड पे 3200 है जिसके अनुसार नए भर्ती कर्मचारी का मूल वेतन 13500, डी0ए0 19980 , एचआरए 1350, मेडिकल 500 , मोबाईल भत्ता 250 मिलाकर 35580 रूपये होता था लेकिन 17 जुलाई , 2020 के बाद भर्ती कलर्क को अब मूल वेतन 19900, डीए 3383, एचआरए 1592, मेडिकल 500 , मोबाईल भत्ता 250 रूपये मिलाकर 25625 रूपये वेतन मिलेगा और इस तरह पंजाब वेतन आयोग के 2016 के स्केल अनुसार वांछित वेतन से 9955 रूपये कम वेतन मिलेगा । इसी तरह शिक्षक वर्ग के वेतन में भावी भर्तियों में भारी कटौती होगी जिससे कर्मचारी वर्ग हताश है ।
हर घर पाठशाला बनाए अपना वेब पोर्टल व हेल्पलाईन
राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ महासचिव विजय हीर ने समग्र शिक्षा अभियान निदेशक से अपील की है कि हर घर पाठशाला में शिक्षण वीडियो स्टोर करने हेतु अपना वेब पोर्टल बनाए और वीडियो यूट्यूब पर न खुलें अपितु अच्छी स्टोरेज क्षमता वाले वेब पोर्टल में अपलोड कर वीडियो चलाए जाएँ । इससे यूट्यूब के वीडियो में आने वाले विविध विज्ञापन और आपत्तिजनक वीडियो लिंक खोलकर हो रहे नैतिक पतन से बच्चों को बचाया जा सके जबकि हर घर पाठशाला कंटेन्ट पर शिक्षा विभाग का ही नाम होना चाहिए । इसके अलावा होमवर्क व कंटेन्ट हेल्पलाईन शुरू की जाए । कई बार वीडियो या वर्ककशीट्स के लिंक ठीक तरह न बने होने के कारण नहीं खुलते और कई बार कंटेन्ट में त्रुटियाँ रहती हैं । इस बात की सूचना किसे दें , यह अभिभावक व शिक्षक हेल्पलाईन में दे सकें । बच्चे भी अगर किसी विशेष होमवर्क या प्रोजेक्ट में मदद चाहें तो उनके लिए भी ऑनलाईन मार्गदर्शन हेल्पलाईन से उपलब्ध होना चाहिए ।