तत्तापानी में जिला स्तरीय मेले में मंगलवार को देश प्रदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और तुला दान भी करवाया।
हालांकि मंगलवार को प्रातः मेला साथ और प्राकृतिक सल्फर युक्त जल स्त्रोतों के समीप ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिली लेकिन लगभग 11 बजे से मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी आरंभ हुई। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेला स्थल पर तरह तरह की वस्तुओं सहित खाने पीने की वस्तुओं की दुकानें भी सजी और स्थानीय ग्रामीण और देश प्रदेश से आए श्रद्धालुओं ने मेला स्थल पर सजी इन अस्थाई दूकानों से अपनी रोजमर्रा के समान की खरीदारी की।
धार्मिक आस्था का प्रतीक तत्तापानी का माघी मेले पूरे प्रदेश ही नहीं अपितु प्राकृतिक सल्फर युक्त गर्म पानी के चश्मों के लिए विश्वभर में प्रख्यात है। लेकिन वर्ष 2015 में तत्तापानी का प्राकृतिक गर्म पानी के चश्मों वाला क्षेत्र कोल बांध परियोजना द्वारा अधिगृहित कर लिया गया। अब इन चश्मों की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। बहरहाल आज भी तत्तापानी आस्था का केंद्र बन हुआ है। तत्तापानी में सुबह से ही पवित्र स्नान के लिए आवाजाही आरंभ हो गई और देर शाम तक स्नान चलता रहा।
मेले में श्रद्धालुओं को खिचड़ी भी परोसी गई। पिछले लगभग 96 वर्षों से दुर्गा देवी बिहारी लाल विरोचन चेरिटेबल ट्रस्ट,शिमला द्वारा खिचड़ी का लक्ष्मी नारायण मंदिर तत्तापानी आयोजन किया गया। इस खिचड़ी भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने खिचड़ी का आनंद उठाया
बता दें कि तत्तापानी में दो स्थानों पर खिचड़ी भंडारे का आयोजन किया गया।
मेला स्थल पर बच्चों के लिए झूले, सी एंड सॉ,रेल गाड़ी और अन्य मनोरंजक गतिविधियां का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने वॉटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों का भी आनंद लिया । सतलुज नदी के किनारे कुश्ती,जेट सकी,राफ्टिंग जैसी गतिविधियों का श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया।
मेले में विधायक करसोग दीप राज ने भी अव्यवस्था को लेकर खेद जताया और मेला कमेटी द्वारा मेला स्थल पर किए गए इंतजामों को लेकर उन्हें जम कर कोसा।
मेले के दौरान अव्यवस्था को लेकर भी श्रद्धालुओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की।रामपुर से आए अनुज ने बताया कि प्राकृतिक स्त्रोतों के लिए प्रसिद्ध तत्तापानी में गर्म पानी को लेकर प्रशासन द्वारा कुछ खास व्यवस्था नहीं की गई है,जो व्यवस्था है वह केवल स्थानीय लोगों के लिए ही पर्याप्त है और जब तत्तापानी में देश प्रदेश के श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आते है तो प्रशासन को चाहिए कि उनके स्नान की व्यवस्था सही ढंग से करे। पानी की बोरिंग करें जिससे श्रद्धालुओं को नहाने में दिक्कत का सामना न करना पड़े।
महिला श्रद्धालु सोनू वर्मा ने बताया कि महिलाओं के स्नान के लिए मेलांस्थल पर एक ही स्थान है जो कि प्रयाप्त नहीं है घंटों लाइन में खड़े होने के बावजूद भी स्नान लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता।
स्थानीय श्रद्धालु टेक चंद ने बताया कि तत्तापानी में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमर्रा गई है । जिसके के लिए प्रशासन जिम्मेवार है।
उन्होंने बताया कि मेला समाप्त होने के बाद यहां पर गंदगी के ढेर लग जाते है तथा स्थानीय ग्रामीणों को गंदगी साफ करनी पड़ती है। ऐसे में प्रशासन को सफाई की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।
बाबू राम शर्मा ने बताया कि प्रशासन के पास काफी समय होता है लेकिन प्रशासन मेले के केवल एक दो दिन पहले तत्तापानी आकर मेले की तैयारियां कार्य है ऐसे में व्यवस्था को सुचारू रूप से चलना कठिन है।
तत्तापानी में जिला स्तरीय मकर संक्रांति मेले में श्रद्धालुओं पवित्र स्नान करते तथा मेले में खिचड़ी का आनंद उठाते तथा तुला दान करवाते श्रद्धालु।