स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से जूझ रही हिमाचल की जनता : अभिषेक राणा

बंगाना/सतीश शर्मा। 13 सितम्बर, 2021
कहा

प्रदेश में लगातार गिर रहा स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर, हिमाचल की जनता दूसरे राज्यों में इलाज करवाने को मजबूर

आज प्रेस वार्ता के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया अध्यक्ष अभिषेक राणा ने सरकार पर तीव्र कटाक्ष करते हुए कहा की चाहे वह कोरोना काल हो या फिर इससे पहले के हालात, लोगों को जनरल और रूटीन चेकअप के लिए भी दूसरे जिलों का रुख करना पड़ता है। शिमला आईजीएमसी, कांगड़ा में टांडा हॉस्पिटल या फिर प्रदेश का कोई भी मेडिकल कॉलेज कहीं पर भी स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से नहीं चल रही। हिमाचल के वासियों को कहीं पर भी वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही जो एक प्रदेश की जनता को मिलनी चाहिए। यही कारण है कि हिमाचल के लाखों लोग आज स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। ऐसे कितने ही कारण हैं जिनकी वजह से हिमाचल प्रदेश के लोग बाहरी राज्यों में पलायन कर रहे हैं जिसका खुलासा हम जल्द ही आंकड़ों के साथ करेंगे।

राणा ने जनता की ओर से विडंबना जाहिर करते हुए कहा कि आज के दौर में चंडीगढ़, दिल्ली, जालंधर इत्यादि जैसे बड़े शहर हिमाचल वासियों का बसेरा हो गया है और हिमाचल प्रदेश के सक्षम लोग स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से प्रदेश को छोड़कर जा रहे हैं। जब बात आती है दुर्घटनाओं की तो इस मामले में हिमाचल प्रदेश की जनता बहुत ही दुर्भाग्यशाली है क्योंकि कोई भी दुर्घटना होने पर यहां आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। अधिकतर मामलों में मरीज को चंडीगढ़ पीजीआई लेकर जाया जाता है। सामने आया है कि काफी मामलों में पीजीआई पहुंचने से पहले ही मरीज दम तोड़ देता है। और इसका कारण यही है कि प्रदेश सरकार पूर्णता लापरवाही का रवैया अपनाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ नहीं कर रही, उल्टा स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए जो बजट आता है उसमें भी लगातार घोटाले होते देखे गए हैं। ऐसी शर्मनाक व्यवस्था से हमारे प्रदेश की छवि धूमिल हो चुकी है

इसका मुख्य कारण यह भी है कि प्रदेश के बड़े बड़े अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में वह जरूरी उपकरण जिनसे मरीज के इलाज में मदद मिलती है जैसे कि एमआरआई मशीन, एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड इत्यादि या तो खराब है या फिर उपलब्ध ही नहीं है। न पर्याप्त स्टाफ, न डॉक्टर न मशीनरी और न ही बुनियादी ढांचा।

 

राणा ने बताया कि प्रदेश के लोग इलाज के लिए अपने निजी वाहनों पर मोटा खर्चा कर दूसरे अस्पतालों में जाते हैं और वहां पर भी उन्हें मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाती। सरहद से लगते ही इलाके और खासकर ऊना इत्यादि जिला के लोग तो प्रदेश के अस्पतालों का रुख करते ही नहीं क्योंकि उन्हें भी पता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी चरमरा चुकी है कि इलाज करवाने जाना महल समय की बर्बादी है।

एम्स भी महज नाम मात्र का अस्पताल बनकर रह गया है क्योंकि अगर वहां स्वास्थ्य व्यवस्थाएं होती तो कोई अपने प्रदेश से इतना खर्च करके दूसरे राज्यों का रुख नहीं करता।

प्रदेश सरकार इस पर स्पष्टीकरण दे और वजह बताएं कि किन कारणों से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का अकाल पड़ा हुआ है। किस वजह से हमारे प्यारे प्रदेश की छवि को धूमिल किया जा रहा है।

इस मौके पर जिला परिषद सदस्य सत्या देवी, कुटलैहड़ कांग्रेस नेता देवेन्द्र कुमार भूटटो,बीडीसी सदस्य अच्छरों बीबी, कैप्टन प्रितम राणा,उप प्रधान भूषण शर्मा,जगदीश ठाकुर सहित मौजूद रहे।

इस मौके पर शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश में फर्जी डिग्री घोटाले के मामले को लेकर उन्होंने कहा है कि इस मामले में निष्पक्ष सीबीआई जांच करवाई जाना जरूरी है उन्होंने बताया कि करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोप लगे हैं जब तक सच्चाई जनता के सामने नहीं आती इसे जन आंदोलन बनाकर जनता के बीच में रखा जाएगा। काबिल गौर है कि फर्जी डिग्री घोटाले का मामला सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा द्वारा जोर शोर से उठाया गया है। भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से निष्पक्ष जांच करवा कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की बात कही है।

 

 

 

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