रात पौने तीन बजे कटोह-टिक्कर में पराशर की टीम ने पहुंचाया ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर
-कैप्टन संजय ने जसवां-परागपुर क्षेत्र के सात स्थानों पर की कंस्ट्रेटर की व्यवस्था
डाडासीबा- सतीश शर्मा।
अपने संसाधनों व संपर्कों से किस तरह समाज की संकट के समय में मदद की जा सकती है, इसके कई उदाहरण कैप्टन संजय ने सामने रखे हैं। दूरदराज के गांवों में जहां दिन के समय भी स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा अब भी किसी सपने सरीखी लगती है, वहां भी पराशर ने कोरोना संक्रमित और हृदय रोग से पीड़ित मरीजाें के लिए ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की व्यवस्था कर रखी है। वीरवार देर रात कटोह टिक्कर गांव के एक हृदय रोगी को संजय की टीम ने कंस्ट्रेटर पहुंचाया। मरीज अब पहले से बेहतर महसूस कर रहा है।
कटोह टिक्कर के वार्ड नम्बर चार से मीना शर्मा ने फोन पर बताया कि उनके पति की हालत बिगड़ गई है और सांस लेने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फोन करने के बाद पराशर की टीम ने आधे घंटे के भीतर ही टिक्कर गांव में कंस्ट्रेटर पहुंचा दिया। टीम सदस्यों संजीव कुमार, संदीप कुमार बबलू और अनिल कुमार राणा ने रात पौने तीन बजे मरीज शरत चंद्र डोगरा को मशीन लगाने से पहले ऑक्सीजन लेबल जांचा तो 78 के करीब था। ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर लगने के बाद लेबल बढ़कर 90 तक पहुंच गया और डोगरा को सांस लेने में हो रही कठिनाई भी काफी कम हो गई। टीम एक घंटे तक डोगरा के घर पर ही रूकी रही और किसी आपात स्थिति में उन्हें अस्पताल तक ले जाने की भी पूरी व्यवस्था की हुई थी। लेकिन सुबह होने तक डोगरा के स्वास्थ्य में लगातार सुधार होता चला गया। डोगरा का इलाज शिमला में आईजीएमसी में चल रहा है और बड़ी बात यह भी है कि पराशर ने अस्पताल में टीम का एक सदस्य वहां भी भेजा था, ताकि मरीज को टेस्ट या दवाईयां लेने में कोई परेशानी पेश न आए। शरत चंद्र ने बताया कि अगर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर समय पर नहीं पहुंचता तो उनके साथ कुछ भी हो सकता था। दम घुट रहा था और आंखों के सामने अंधेरा हो गया। इसी बीच पराशर की टीम के सदस्य पहुंचे और मशीन लगने के बाद उन्हें बेहद राहत मिली। बताया कि पराशर बहुत ही परोपकारी व्यक्ति हैं और शिमला में भी उनकी हर संभव सहायता उनके द्वारा की गई। डोगरा की पत्नी मीना ने बताया कि संकट की घड़ी में संजय उनके लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं है। उनका परिवार इसके लिए पराशर का आभारी रहेगा। वहीं, कैप्टन संजय ने बताया कि जसवां-परागपुर और चिंतपूर्णी क्षेत्र के अलग-अलग सात स्थानों पर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर रखे हुए हैं। इसका फायदा यह है कि दो घंटे से पहले ही मशीन रोगी के घर तक पहुंच जाती है। आसपास के पांच विधानसभा क्षेत्रों में भी दो घंटे के भीतर कंस्ट्रेटर पहुंचाए गए हैं। इस निशुल्क व्यवस्था में प्रशिक्षित टीम को बकायदा यह निर्देश दिए गए हैं कि रात के वक्त मरीज को हर हालत में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचाया जाए। कहा कि अगर उनके प्रयास से ऐसे मरीजों की सांसों की डोर थामे रखने में मदद मिलती है तो इसमें भगवान की ही कृपा है।

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