जीवन की अंतिम सांस तक जसवां-परागपुर के हितों के लिए संघर्ष करूंगा-कैप्टन संजय
-बस्सी के मोक्षधाम और दो महिला मंडल भवनों का पराशर ने किया जीर्णोद्धार
डाडासीबा- सतीश शर्मा। सत्यमेव जयते।
जनसेवा, समर्पण और सादगी का पर्याय बन चुके कैप्टन संजय पराशर सामाजिक सरोकारों की नित रोज नई परिभाषा लिख रहे हैं। जिला कांगड़ा व ऊना में पराशर ने शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं। इतना ही नहीं वह सुदूर गांवों में जनता की आम समस्याओं के निराकरण के लिए भी प्रयासरत हैं। ताजा कड़ी में पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र की बस्सी पंचायत के मोक्षधाम और कूहना और दड़ब गांवों के महिला मंडल भवनों का जीर्णोद्धार कर दिया है।
दरअसल संजय पिछले कई वर्षों से समाज सेवा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देते रहे हैं। मुबंई में रहते हुए उन्होंने स्थानीय विकास के मुद्दों को लेकर जोरदार पैरवी की तो समुद्री नाविकों के हितों के लिए भी दिन-रात प्रयासरत रहे। हिमाचल में आने के बाद कैप्टन संजय का कोरोनाकाल से पीएम केयर्स फंड में पचास लाख रूपए योगदान देने से शुरू हुआ सामाजिक सराेकारों का सफर अब 132 प्राेजेक्टस तक जा पहुंचा है, जिस पर वह अपने संसाधनों से अब तक करोड़ों रूपए खर्च कर चुके हैं और रहे हैं। जसवां-परागपुर सहित साथ लगते पांच विधानसभा क्षेत्रों में समाज सेवा की नई इबारत लिख चुके संजय हर रोज जनहित में कोई न कोई कार्य करते रहते हैं। अपनी सकारात्मक सोच व विजन के चलते उन्होंने युवाओं के लिए राेजगार के नए साधनों का सृजन किया है तो विद्यार्थी प्रतिस्पर्धा में आगे रहें, इसके लिए वह बेबीनार, इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर केद्रों के जरिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। इसके अलावा खेल मैदानों, आंगनबाड़ी केन्द्रों की दशा सुधारने, स्वास्थ्य केन्द्रों में आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाने के अलावा बुजुर्गों का मोतियाबिंद का आपरेशन करवाने के लिए संजय लगातार अपने संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। बस्सी पंचायत के प्रबुद्ध वासियों के आग्रह पर बस्सी पंचायत के शमशानघाट का जीर्णोद्धार संजय ने करवा दिया। बस्सी पंचायत के राज कुमार व ओमप्रकाश व जंबल पंचायत के बलवंत सिंह ने बताया कि संजय ने उनके कहने पर सीमेंट, लोहे और चादरों की व्यवस्था पर बड़ी रकम खर्च की है, जिसके लिए वह उनके सदैव आभारी रहेंगे। वहीं, पराशर ने कूहना और दड़ब महिला मंडलों भवनों के बिजली के मीटर लगवाए तो वहां पंखों की भी व्यवस्था की। इसके अलावा इन भवनों का रंग-रोगन भी भी संजय द्वारा करवाया गया। दड़ब महिला मंडल की प्रधान शशि वाला अौर कूहना की महिला मंडल प्रधान आशा राणा का कहना है कि पराशर विकास के मामले में हर दिन नए कीर्तिमान रचते नजर आ रहे हैं और इसी गति, मेहनत, लग्न व इच्छाशक्ति से संजय कार्य करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब जसवां-परागपुर क्षेत्र का हर गांव व घर सामाजिक व आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होगा। वहीं, कैप्टन संजय का कहना था कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में विकास व अन्य सामाजिक कार्यों के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकि है। कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र और क्षेत्रवासियों के हिताें के लिए जीवन की अंतिम सांस तक संघर्ष करते रहेंगे। अगर उनके संसधानों ने किसी का भला हो रहा है, तो इसमें भी भगवान की ही मर्जी रही होगी।

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