डाडासीबा के मेडीकल कैंप में संजय पराशर को लड्डुओं से तोला
-पराशर द्वारा आयोजित 43 वें स्वास्थ्य शिविर में पहुंचे 824 लाभार्थी
डाडासीबा- सतीश शर्मा।
कैप्टन संजय पराशर द्वारा शुक्रवार को डाडासीबा में 43वें मेडीकल कैंप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्थानीय वासियों ने संजय को लड्डुओं से तोला और उनके समर्थन में जिंदाबाद के नारे भी लगाए। पराशर ने क्षेत्रवासियों के सहयोग व समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। स्वास्थ्य शिविर में 824 लाभार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। कैंप में आयोजकों ने काेरोना नियमों का सख्ती से पालन करवाया। आंखों व कानों की जांच के अलावा फ्री में ईसीजी, शुगर व बीपी के टेस्ट भी किए गए। संजय द्वारा अब अगले मेडीकल कैंप 19 मार्च को गुरनबाड़ और 22 मार्च को अलोह में लगाए जाएंगे।
डाडासीबा के स्वास्थ्य शिविर में 502 मरीजों की आंखों की जांच की गई तो शिविर में 169 ने कानों का चेकअप करवाया। 302 मरीजों को निशुल्क चश्मे वितरित किए गए। 356 मरीजों को आई ड्राप्स दिए गए। जबकि आंख चेक करने वाले चिकित्सा विशेषज्ञों ने 128 मरीजों को मोतियाबिंद का आपरेशन करवाने की सलाह दी। इन मरीजों के मोतियाबिंद के निशुल्क अापरेशन कांगड़ा के निजी अस्पताल में होंगे। शिविर में 98 मरीजों को कानों की मशीनें फ्री में वितरित की गईं तो 116 मरीजों को कानों की दवाई भी दी गई। इसके साथ ही कैंप में पहुंची 142 महिलाओं निशुल्क सैनेटरी पैड भी वितरित किए गए। 208 मरीजों के शुगर, बीपी और इसीजी के टेस्ट भी किए गए। इसके अलावा शिविर में 102 परिवारों के हिमकेयर कार्ड बनाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी की गईं।
कैंप में पहुंचे संजय पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर को मोतियाबिंद मुक्त करना उनका लक्ष्य भी था और संकल्प भी, लेकिन स्थानीय वासियों के आशीवार्द के कारण ही आज 43 मेडीकल कैंपों का आयोजन सफलतापूर्वक हो सका है। जसवां-परागपुर की प्रबुद्ध जनता के साथ के बिना इतने बड़े आयोजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। क्षेत्रवासियों ने हर मेडीकल कैंप में उनका तन-मन-धन से साथ दिया और यही कारण रहा है कि क्षेत्र की हर पंचायत में तीस अप्रैल तक स्वास्थ्य शिविर लग चुके होंगे। पराशर ने कहा कि जब किसी की अांखों की अनमोल रोशनी वापिस आती है या किसी बुजुर्ग को पहले की तरह सुनाई देने लगता है तो उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है। वह भगवान का भी धन्यवाद व्यक्त करते हैं कि उन्हें परमात्मा ने सेवा करने का मौका दिया है। पराशर ने कहा कि वह जीवन की अंतिम सांस तक जसवां-परागपुर क्षेत्रवासियों के हितों के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करते रहेंगे। वहीं, कैंप में पहुंचे गुरनबाड़ से मनोहर लाल, डाडासीबा से अमरनाथ, नंगल चौक से त्रिलोक चंद, स्यूल से लीला देवी और सुकाहर से धनी राम ने बताया कि संजय पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र की जनता के लिए नेक व परोपकारी कार्य कर रहे हैं। बड़ी बात यह भी है कि पराशर के कैंपों में कोई भी व्यक्ति अपनी मेडीकल जांच करवा सकता है। उन्होंने घर-द्वार पर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए संजय का आभार प्रकट किया। कैंप में देहरा की मानगढ़ की तीन वर्षीय हर्षिता जिससे सुनने में दिक्कत थी, उसकी जांच भी चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम ने की और कानों को सुनने वाली मशीन व दवाईयां उपलब्ध करवाईं।