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ट्रस्ट का गठन पुराने ढर्रे पर
बाबा बालक नाथ ट्रस्ट में गुफा के रास्ते को बनवाने वालों को बाहर का रास्ता

बड़सर से विशाल राणा का पता कटा

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हंत को बरसों बाद स्पेशल इनवाइटी किया मनोनीत

विधायक को ट्रस्ट से बाहर का रास्ता
दियोटसिद्ध। सतीश शर्मा विट्टू। उत्तरी भारत के प्रमुख सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ के ट्रस्ट का गठन तो कर दिया गया है तथा जिस प्रकार पिछली सरकार करती आई हैं उसी तरह खानापूर्ति कर ट्रस्ट बना दिया गया। बाबा बालक नाथ मंदिर की गुफा तक पहुंचने के लिए जिन लोगों ने पुराने ट्रस्ट में रास्ते के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उन सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। रेक हमीरपुर से पास आउट इंजीनियर राजेश बन्याल, विधायक इंद्रदत लखनपाल तथा पंजाब के जालंधर के अरुण राय भक्त का गुफा तक रास्ता बनवाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है लेकिन तीनों को ही बाहर का रास्ता दिखाया गया है। ऐसा नहीं है कि लखनपाल को पहली बार बाहर किया गया है इससे पूर्व भी विधायक को ट्रस्ट से बाहर रखा गया था। कमल पठानिया जो पुराने कांग्रेसी हैं कांग्रेस के कितने भी बुरे दिन आए उन्होंने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया उन्हें मेन ट्रस्टी बनाने कीजगह स्पेशल इनवाइटिं बनाया गया है जो कांग्रेस की सोच को प्रदर्शित करता है बेहतर कार्य करने वाले लोगों को बाहर रखने की परंपरा सही नहीं है। कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे सुभाष ढटवलिया सहित चकमोह के लोगों को भी इसमें स्थान दिया गया है जो सराहनीय है। ट्रस्ट में 25 की 43 लोगों को मनोनीत किया गया है। सरकार के 2 साल पूरे होने को है 2 सालों में बाबा बालक नाथ मंदिर में राशन घोटाला बकरा कांड सहित कई मामले ऐसे हैं जो हमेशा चर्चा में रहेहैं। पंजाब से आय का अधिक भाग आता है लेकिन किसी को भी इस बार ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया है जो की लोकल फार वोकल का नमूना है। जिन लोगों ने चुनाव में कांग्रेस का साथ दिया था उन्हें इसमें स्थान दिए गया है।

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