इंद्र दत्त लखन पाल के इंद्रजाल के आगे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी  हारे 12 जनसभाएं करके भी सुभाष को जीताने में असफल

बड़सर। सतीश शर्मा विट्टू।

होटल अमर पैलेस बलयाह भाजपा सदस्यता अभियान का बनेगा गवाह। 12 साल बाद इस संगठन‌ में विधायक इंद्र दत्त लखन पाल हावी। 27 साल तक पूर्व विधायक बलदेव शर्मा का बजता था डंका। बलदेव शर्मा भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे व लगातार तीन बार 1998,2003,2007 से 2012 तक रहे विधायक। 2012से 2017,2022 में भाजपा का सूफडा किया साफ। 2024 के विधानसभा उप चुनाव में इंद्र दत्त लखन पाल ने अपने जीवन का सबसे कठिन चुनाव लड़ा जब वह भाजपा का टिकट लेकर आए। राज्यसभा के चुनाव में इंद्रदत लखनपाल ने कांग्रेस के अन्य पांच विधायकों के साथ भाजपा के पक्ष में वोट दिया। उन्हें कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। उनके साथ जो ठेकेदारों का टोला रहा था वह प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होते हुए लखन पाल के खुलकर विरोध में आ गये। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंद्र दत्त लखन पाल को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी उन्होंने 12 जनसभाएं क्षेत्र में की। मंत्री राजेश धर्माणी डेरा डालकर बड़सर की गली गली में प्रचार करते रहे। भाजपा का एक टोला वन वोट फार सीएम वन वोट फार पीएम के नारे लगाते रहे लोगों को गुमराह किया लेकिन इंद्रदत लखनपाल के इंद्रजाल को कांग्रेस तोड़ नहीं पाई। इंद्रदत लखनपाल चौथी बार विस में पंहुच गये। अब संगठन में भी लखनपाल का पलड़ा भारी रहेगा। लखनपाल को संगठन चलाने का काफी अनुभव है। कांग्रेस सेवा दल के भी प्रदेश के अध्यक्ष बह रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के कुनबे में अधिकतर लोग समर्पण कर गये हैं। सदस्यता अभियान पर सबकी नज़रें टिकी है। लोगों के बीच इंद्र दत्त लखनपाल की लोकप्रियता इतनी हावी है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस मामले में इस विधानसभा क्षेत्र में बौने साबित हुए हैं। इंद्र दत्त लखनपाल के कद के आगे मुख्यमंत्री को भी हार का सामना करना पड़ा है।

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