हिमाचल प्रदेश कर्ज के मामले में पाकिस्तान की राह पर आगे बढ़ रहा है
अगले साल हिमाचल पर एक लाख करोड़ का कर्ज हो जाएगा
2 महीने तक वेतन भत्ते नहीं लेना कितना बचेगा 2 महीने तक मात्र एक करोड़
उसके बाद तो इस वेतन को भी लेंगे तो क्या फर्क पड़ेगा एक करोड़ के आंकड़े से
फिजूल खर्ची रोकनी होगी
मुफ्त का चस्का छोड़ना होगा प्रदेश की जनता को भी
हमीरपुर। सतीश शर्मा विट्टू।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जो मीडिया को बताया है कि मैं, मेरे केविनेट मंत्री, सीपीएस व सत्तापक्ष के विधायक दो महीने तक वेतन भत्ते नहीं लेंगे। इसका पैसा बचेगा। भाई वेतन व भत्ते दो महीने तक नहीं लेने से क्या होगा एक करोड़ दो महीने लेने से कर्ज में क्या कमी आएगी। कर्ज 85589 करोड़ रहेगा। इससे क्या फर्क पड़ेगा। यह दिखाने के लिए किया जा रहा है की हमारे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रयास तो कर रहे हैं। लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम है छवि बचाने का। ऐसा नेता संता में टिके रहने के लिए जनता को दिखाने को करते हैं अगले साल यह कर्ज एक लाख करोड़ हो जाएगा। हर हिमाचल का व्यक्ति जो आज जन्म ले रहा एक लाख 17 हजार का कर्ज लेकर पैदा हो रहा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी आर्थिक संकट के समय ऐसी बयानबाजी करते थे मैं छोटे घर में रहूंगा। महंगी हेलीकॉप्टर का प्रयोग नहीं करूंगा इससे क्या आर्थिक संकट हल हो जाएगा। ऊंट के मुंह में जीरा है यह। जब नेता सता हथियाने के लिए लोगों से झूठे वायदे करते हैं पैसा है नहीं हम ओपीएस देंगे। हर महिला को 1500देंगे। दो लाख नौकरियां हर साल देंगे। इस तरह के प्रयास येन केन प्रकरण के द्वारा सत्ता हासिल करना होता है। नीतू को भी पता होता है कि क्या कर पाना संभव नहीं है। उनका राज्य कर्ज में डूबा हुआ है लेकिन जनता भ्रमित हो जाती है नेता जीत जाते हैं। जीत दर्ज करने के बाद नेता यही करते हैं छोटे-छोटे फैसले लेकर याद दिखाया जाता है कि हमारा नेता तो बहुत प्रयास कर रहा है कर्ज से निकलने के लिए लेकिन हकीकत जनता भी जानती है प्रदेश के लोग मूर्ख नहीं है। विपक्ष भी अपनी भूमिका निभा रहा है। लेकिन मुफ्त की आदत डालने की जगह मुफ्त की आदत छोड़नी होगी। बिजली के बिलों की सब्सिडी बंद किया जाना सही है। पानी के बिल लेना सही है। उन स्कूलों को बंद करना सही है जिनमें 5 से कम बच्चे हैं। लेकिन यह सब कम यह दिखाने के लिए किया जा रहे हैं ताकि जनता को लगेगी हमारा नेता तो बड़े प्रयास कर रहा है। वास्तव में इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। अगले साल हिमाचल पर एक लाख करोड रुपए का कर्ज हो जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में आय बढ़ाने के लिए प्रयास करने होंगे। हिमाचल की जंगलों में हर साल करोड़ों रुपए की लकड़ी सड जाती है। उसे बचा कर जो आए हो उस कर्ज काम किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश को टूरिस्ट हब बनाकर टूरिस्ट को आकर्षित किया जा सकता है। स्पेशल पैकेज देकर उन्हें हिमाचल घूमने के लिए बुलाया जा सकता है इससे भी हिमाचल की आर्थिक की में सुधार होगा। हिमाचल प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है। गुजरात की तर्ज पर, भूटान की तर्ज पर विकास योजना बनाकर हिमाचल प्रदेश को आर्थिक संकट से निकाला जा सकता है। हमारे मुख्यमंत्री ने कानून की शिक्षा ली है आर्थिक संकट से निकलने के लिए फाइनेंस एक्सपर्ट की जरूरत है। देश विदेश में उन विशेषज्ञों की सेवाएं दी जानी चाहिए। तभी हिमाचल कर्ज से बाहर आएगा। अगले साल एक लाख करोड़ कर्ज पार हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश में पाकिस्तान की तरह आर्थिक संकट के बादल साफ दिखाई दे रहे हैं। लेकिन नेता अपनी छवि बचाने के लिए ऐसे छोटे-छोटे प्रयास कर रहे हैं ताकि जनता भ्रमित हो लोगों को लगे कि हमारे नेता कोशिश तो कर रहे हैं। इस बारे में आप सब की क्या राय है कमेंट जरुर करें।