सत्य घटना पर आधारित मिनी सचिवालय बड़सर की कहानी
बड़सर मिनी सचिवालय की कहानी
करोड़ों रुपए की लागत से बन रहा मिनी सचिवालय किसकी देन
5 करोड़ की अदायगी नहीं की गई तो आधार में लटक सकता है कार्य उद्घाटन होने की जगह लग सकते हैं ताले
जिस फार्म को मिनी सचिवालय का ठेका  मिला है उसका ट्रैक रिकार्ड रहा है शानदार एक ही भवन प्रदेश को किए हैं समर्पित जो भी भवन देखा है दांतों तले उंगली दबाने को मंजूर हो जाता है
2 साल पहले जो लोग विदेश गए थे घर वापस आ रहे हैं तो इस भवन को देखकर उन्हें भी चक्कर आ रहे हैं की इतनी जल्दी कैसे बन गया भवन
बड़सर। सतीश शर्मा विट्टू। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मिनी सचिवालय का शिलान्यास 2012 में किया था। इसकी कहानी अलग ही है। इस कार्य का शिलान्यास करवाने के लिए कैप्टन जोगिंदर खरयाल रहे हैं। कौन है कैप्टन जोगिंदर खरयाल। मैहरे विकास समिति के अध्यक्ष तथा धूमल परिवार के समाधि कैप्टन जोगिंदर गोल हैट लगाकर रखते थे। उनका सपना था कि मैहरे में मिनी सचिवालय बने। जब उन्होंने इस मुद्दे को प्रेम कुमार धूमल के समक्ष तथा स्थानीय विधायक बलदेव शर्मा के समक्ष रखा तो उन्होंने तुरंत हां कर दी। बड़सर के लोगों ने जो जमीन मिनी सचिवालय के लिए दी थी उसकी अलग से कहानी है। लेकिन उसमें तर्क दिया गया कि धार में जमीन धंसती है करोड़ों रुपया वहां खर्च न किया जाए। उसमें यही खबर मीडिया में भी छपी। प्रेम कुमार धूमल ने 2012 में मिनी सचिवालय का शिलान्यास कर दिया। आज जहां आलीशान भवन बन रहा है यह भवन बडसर में बनता तो सारी रौनक ही खत्म हो जाती। 2012 में प्रेम कुमार धूमल की जगह वीरभद्र मुख्यमंत्री बन गए लेकिन मामला हाईकोर्ट तक चला गया तथा आधार में लटक गया कार्य। प्रयास चलते रहे लेकिन भवन का कार्य जय राम की सरकार 2017 में बनने के बाद भी कई साल तक अधर में लटकता रहा।। 2022 के अंत में इसी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद ठाकुर ने इस भवन का कार्य शुरू करवाने के लिए बड़सर से शिमला तक कई चक्कर काटे उनके साथ उनकी टीम बधाई की पात्र है। जिसमें व्यापार मंडल के प्रधान विनोद लखनपाल सहित कई लोगों का योगदान रहा। 2022 के विधानसभा चुनव से पहले कार्य शुरू हुआ उसमें बजट का भी प्रावधान किया गया। सरकार बदली व्यवस्था भी बदलना थी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रयास शुरू किया। स्थानीय विधायक इंद्र दत्त लखनपाल सहित लोगों की मांग थी कि बजट का पैसा भवन निर्माण के लिए भेजा जाए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने तत्काल राशि जारी कर दी। करोड़ों रुपए की पेमेंट विभाग को की गई। विभाग ने सारी राशि ठेकेदार को हस्तांतरित कर दी। अब कार्य अंतिम चरण में है लेकिन 5 करोड रुपए की अधिक ठेकेदार को की जानी है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस बाबत जिलाधीश हमीरपुर को भी एक पत्र प्रेषित किया गया है जिसमें राशि रिलीज करने के लिए कहा गया है। अगर 5 करोड़ की राशि रिलीज कर दी जाती है तो किराए के भवनों में चल रहे अधिकतर ऑफिस मिनी सचिवालय का शिलान्यास होने के साथ इस भवन में शुरू हो सकते हैं लेकिन 5 करोड़ की राशि अदा नहीं की गई तो कार्य भी अधर में लटक सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उपचुनाव में हर जगह रहते थे कि कांग्रेस को वोट दें यहां का विधायक मैं ही हूं। विधायक लखनपाल का मुकाबला देखने को तो सुभाष डटवलिया से था लेकिन हकीकत में हिमाचल सरकार तथा मुख्यमंत्री के साथ ही मुकाबला हुआ। जनता के फैसले को सबको स्वीकार करना पड़ता है। लेकिन जनता के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए लोकतंत्र की यही परंपरा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखों को अपना कथनी तथा करनी मैं अंतर नहीं आने देना चाहिए। कौन हर मुख्यमंत्री हैं सुखविंदर सिंह। वीरभद्र सिंह के थपेड़ों से भी जो 40 साल बचा रहा प्रकृति ने उसे हिमाचल का मुख्यमंत्री बना कर तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री को तत्काल जिलाधीश हमीरपुर को आदेश करने चाहिए की 5 करोड़ की राशि विभाग के खाते में ट्रांसफर की जाए ताकि इस भवन का कार्य तीव्र गति से चला है वह लटक कर न रह जाए। कांग्रेस के साथ जुड़े लोगों को मुख्यमंत्री के ध्यान में इस मामले को लाकर तत्काल 5 करोड़ की अदयागी करवानी चाहिए ताकि सितंबर में इस भवन का उद्घाटन किया जा सके। हमारा प्रयास कोई सनसनी फैलाना नहीं हालात बदलने चाहिए। मुख्यमंत्री को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए तथा ठेकेदार को 5 करोड़ की पेमेंट तत्काल कार्रवाई जानी चाहिए यही जन-जन की पुकार है।

लोक निर्माण विभाग बड़सर के अधिशासी अभियंता का कहना है कि पेमेंटकी अदायगीके लिए जिलाधीसा हमीरपुर को एक माह पहले पत्र प्रेषित किया गया है दिया गयाहै। जैसेही राशि हस्तांतरितहोगी पेमेंट करवा दीजाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here