राष्ट्र धर्म बड़ा है अथवा सर्विस रूल
हमीरपुर। सतीश शर्मा।
इतिहास गवाह है कि राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है परंतु इस देश में ऐसे भी लोग हैं जो राष्ट्र धर्म की जगह चाटुकारिता में लगे हुए हैं। ऐसे विरले ही लोग होते हैं जो सर्विस रूल तथा राष्ट्रधर्म राष्ट्रवाद देश के प्रति प्यार के चुनाव में सर्विस रूल की जगह राष्ट्रवाद का चुनाव करें देश के लिए लोग फांसी के पर लटक गए। कुछ लोगों ने चाटुकारिता की अंग्रेजों की आज उनकी क्या हालात है वीर सावरकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय, भगत सिंह राजगुरु सुखदेव लाला लाजपत राय, महात्मा गांधी जैसे असंख्य लोगों ने राष्ट्रवाद को चुना। आज लोग उन्हें सलाम करते हैं।
आज हम सर्विस रूल जो कर्मचारियों के लिए बनाए जाते हैं उनकी बात करेंगे सर्विस रूल्स कहते हैं कि अगर आपने अपनी कोई बात रखनी है सरकार के ध्यान में लानी है कोर्ट के ध्यान में लानी है समाचार प्रकाशित करना है प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के ध्यान में कोई मामला लाना है तो आप डायरेक्ट आवाज नहीं उठा सकते आपको इसके लिए संबंधित विभाग से परमिशन लेनी होगी।
हिमाचल प्रदेश के एक विभाग में तैनात कर्मचारी द्वारा जब विभाग में भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा करने का प्रयास किया गया तथा उस मामले में विभाग ने कार्रवाई भी कर दी जांच शुरू हो गई मानवता के आधार पर ऐसे कर्मचारी को जिसने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था कायदे से सम्मानित किया जाना चाहिए था क्योंकि उसने देश हित को सर्वोपरि मानकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। उसे सम्मानित किया जाना चाहिए था उसके कार्य के लिए परंतु भाग्य की विडंबना देखिए उस कर्मचारी को मानसिक दबाव बनाने के लिए प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भ्रष्टाचार मिटाने की बात करते हैं हमारे माननीय प्रधानमंत्री देश से भ्रष्टाचार को मिटाने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन जब बदले की भावना के साथ कार्य किए जाएंगे भ्रष्टाचार के खिलाफ मामले उजागर करने वालों को प्रताड़ित किया जाएगा तथा शो कॉज नोटिस भेजकर कार्यवाही करने का प्रयास किया जाएगा तो कौन ऐसा होगा जो भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलेगा। जो जानकारी हमारे सूत्रों से हमें प्राप्त हुई है उसमें शिक्षा विभाग में तैनात एक कर्मचारी ने भ्रष्टाचार के मामले में vivek का पालन करते हुए जब बार बार संबंधित अधिकारियों को भ्रष्टाचार के बारे में लिखा गया तथा उस पर अमल नहीं हुआ तो उस कर्मचारी ने देश के प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश की हिमाचल हाईकोर्ट को इसके अलावा अन्य उन जगहों पर मेल कर जानकारी दे दी जो जानकारी उसे देने से पहले विभाग के संज्ञान में सर्विस रूल के तहत नहीं देनी चाहिए थी। ऐसे कर्मचारी के परिवार की मानसिक प्रताड़ना की पूरी कहानी हम आपको टॉप news हिमाचल पर लेकर आएंगे मेरा हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री शिक्षा विभाग के अधिकारियों से विनम्र निवेदन रहेगा कि इस मामले में जिस कर्मचारी ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया उसके खिलाफ कार्यवाही करने की जगह ऐसे अध्यापक को सम्मानित किया जाना चाहिए ताकि भारतवर्ष का हर व्यक्ति हर कर्मचारी गर्व के साथ भ्रष्टाचार के मामलों की पोल खोल सके जरूरी हुआ तो लाइव के माध्यम से उस कर्मचारी को सामने लाकर मामले की तह तक जाने का प्रयास किया जाएगा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी बात की जाएगी राष्ट्र बचेगा तो सर्विस भी बचेगी। राष्ट्र ही नहीं रहेगा तो कौन से सर्विस रूल तथा कौन सी सर्विस
। यह मेरे निजी विचार है इसे अन्यथा ना लें। हम सर्विस रूल उल्लंघन करने के पक्ष में कदापि नहीं है क्योंकि अनुशासन नहीं होगा तो विभाग कैसे चलेंगे लेकिन अगर देश ही नहीं होगा देश ही बर्बाद हो जाएगा तो कौन से विभाग तथा कौन से सर्विस रूल आप अपनी राय जरूर दें।