न मिली संकाय आधारित अगल वरिष्ठता , न दिया अलग प्रमोशन कोटा

टीजीटी कला शिक्षकों को स्पष्ट पदोन्नति नियमावली का इंतज़ार

हमीरपुर।सती सतीश शर्मा।

हिमाचल प्रदेश में तैनात टीजीटी कला शिक्षक वर्षों से पृथक वरिष्ठता सूची निर्माण की मांग उठा रहे हैं । टीजीटी शिक्षकों की भर्ती संकाय आधारित होती है मगर वरिष्ठता संकाय अनुसार नहीं बनाई जाती । भर्ती के समय टीजीटी मेडिकल, नॉन-मेडिकल और टीजीटी आर्ट्स के पद अलग-अलग विज्ञापित किए जाते हैं और इनको भरने के लिए योग्यता मानक भी अलग-अलग हैं । मगर विभाग में नियुक्ति के बाद सारी प्रक्रिया बदल जाती है । वरिष्ठता देने हेतु टीजीटी मेडिकल , नॉन –मेडिकल और कला संकाय को एक सूची में रखा जाता है और अनेकों शिक्षक यहाँ जूनियर हो जाते हैं । इसके अलावा यहाँ से प्रवक्ता स्कूल न्यू पदोन्नति और हेडमास्टर पदोन्नति के चैनल में संकाय आधारित कोटा तय नहीं हो पाता है और प्रमोटी टीजीटी कैडर का डाटा भी स्पष्ट नहीं हो पाता जिनकी पिछली लंबी सेवाओं के एवज़ में उनको कोई वरिष्ठता लाभ नहीं मिल रहा और न ही उनको अग्रिम पदोन्नति हेतु कोई कोटा आरक्षित है । ऐसे में टीजीटी कला शिक्षकों के हितों की रक्षा हेतु शिक्षा विभाग संकाय आधारित वरिष्ठता सूचियाँ बनाए और अरिम पदोन्नतियाँ सही अनुपात में सही कोटे और कैडर संख्या के आधार पर करे । यह मांग राजकीय टीजीटी कला संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर ने प्रदेश शिक्षा सचिव से की है । संघ के अनुसार जो भी पदोन्नति सूचियाँ जारी हो रही हैं , उनमें टीजीटी कला शिक्षकों की पदोन्नतियाँ न्यूनतम हो रही हैं और इस कैडर में उनके हिस्से की पदोन्नतियों का लाभ अन्य संकाय वाले उठा रहे हैं । हेडमास्टर में प्रमोटी लेक्चरर को भी काफी पदोन्नतियाँ मिल रही हैं और टीजीटी से हेडमास्टर पदोन्नति सूचियों में नाममात्र टीजीटी कला शिक्षक प्रमोट होने से पदोन्नति में भारी ठहराव आ गया है । इधर टीजीटी से प्रवक्ता स्कूल न्यू पदोन्नति में मात्र 108 पदों पर पदोन्नति होनी थी जो कि उच्च शिक्षा विभाग इस सत्र में अब तक नहीं कर पाया और हेडमास्टर पदोन्नति में भी सुस्त प्रक्रिया से विलंब हो गया। हीर ने कहा कि अनेकों टीजीटी 20 साल से अधिक सेवाकाल पर भी प्रमोट नहीं हुए हैं और 20 साल सेवाकाल पर विशेष दो वेतनवृद्धियों का लाभ भी टीजीटी शिक्षकों को नहीं मिल रहा है । मिडल स्कूलों में हेडमास्टर के पद सृजित न होने के चलते यह स्थिति और बदतर हो गई है और टीजीटी कला शिक्षकों को पदोन्नति के पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं ।

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