हमीरपुर। पिछले कई वर्षों से स्टेट हेल्थ सोसायटी नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत बहुत से कर्मचारी चाहे वह आयुर्वेदिक चिकित्सक हो दंत चिकित्सक हो फार्मासिस्ट हो एएनएम हो ब्लॉक अकाउंटेंट हो प्रोग्राम अफसर हो ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर हो लैब टेक्नीशियन विभिन्न प्रकार की पोस्टों पर सेवाएं दे रहे हैं लगभग पिछले 15 वर्षों से लेकिन आज तक हमारी अनदेखी होती रही है इस करो ना युग में हमने दिन-रात काम किया है चाहे वह सैंपल के रूप में हो चाहे वह हॉस्पिटलों के रूप में हो चाहे वह वैक्सीन स्टेट हेड क्वार्टर से लेकर ब्लॉक हेड क्वार्टर तक हर जगह हमारे लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं लेकिन अफसोस इस बात का है जब भी किसी प्रकार के श्रेय की बात आती है तो हमेशा उन्हीं कर्मचारियों को श्रेय दिया जाता है जो पहले से ही सेवा में रेगुलर हैं जबकि नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारी चाहे एड्स कंट्रोल समिति के कर्मचारी या आरएनटीसीपी के कर्मचारियों को इन लाभों से वंचित रखा गया है अभी भी करो ना के लिए इंसेंटिव का प्रावधान किया गया लेकिन वह इंसेंटिव सिर्फ रेगुलर लोगों को दिया गया जिन की तनख्वाह पहले से ही एनएचएम कर्मचारियों के मुकाबले 3 और 4 गुना है इंसेंटिव के हकदार स्टेट हेल्थ सोसाइटी के कर्मचारी भी उतनी ही है जितने बाकी लोग लेकिन गनीमत यह है कि सरकार ने इनके बारे में कुछ भी नहीं सोचा स्टेट हेल्थ सोसायटी का पैसा लगभग केंद्र सरकार द्वारा 90% दिया जाता है और 10% राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है लेकिन जब कभी भी वित्तीय लाभ देने की बारी आती है तब राज्य सरकारें यह बोलते हैं कि आप लोग केंद्र कार्यक्रमों के अंतर्गत लगे हो लेकिन जब इसके बारे में केंद्र सरकार से पूछा जाता है तो उनका एक ही कहना होता है कि हेल्थ जो है वह राज्य सरकार का विषय है वह चाहे आपको पूरी सैलरी दे आधी दे वह उनके हाथ में है हमारा काम है पैसा देना जितना हम से पैसा मांगते हैं हम उतना देते हैं लेकिन हमारी मांगों को पूर्ण रूप से कोई भी नहीं उठाता हमारा निवेदन यह है कि स्टेट हेल्थ सोसाइटी के लोगों को अगर रेगुलर स्केल भी प्रदान किया जाता है तो लगभग 4 करोड़ के करीब खर्चा आएगा वह पैसा भी केंद्र सरकार से ही आना है लेकिन इस बात को कभी सिरे ही नहीं चढ़ने दिया जाता अमूमन कई बार देखा गया है कि केंद्र सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाया गया पैसा नेशनल हेल्थ मिशन को कई बार वापिस भी करना पड़ता है सिर्फ पिछले से पिछले वर्ष की बात है कि लगभग ₹640000000 केंद्र सरकार को वापस किया गया लेकिन जो इसमें लगे कर्मचारी अधिकारी हैं उनको रेगुलर पे स्केल का प्रावधान नहीं दिया गया 64 करोड़ के आगे उन्हें चार करोड बहुत अधिक लगे जो लोग दिन-रात सेवाएं देकर इस करोना में महमारी में और वैसे भी चाहे वह टीवी के रूप में हो चाहे वह अन्य किसी भी प्रकार की बीमारी हो बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं लेकिन इन लोगों को आज तक वित्तीय लाभ नहीं दिया गया कई लोगों की जिंदगियां दांव पर लग गई लेकिन आज तक उन्हें किसी भी प्रकार का वित्तीय लाभ नहीं दिया गया सरकार से एक ही निवेदन है की आने वाली जो सोमवार को गवर्निंग बॉडी की मीटिंग है उसमें राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी में लगे एनएचएम आरएनटीसीपी एड्स कंट्रोल रोगी कल्याण समिति सभी को रेगुलर पे स्केल प्रदान किया जाए ताकि उनमें एक आशा की किरण जाग सके और वह अपना काम और अच्छे तरीके से करें