कैप्टन संजय पाराशर तथा सोनिका पराशर को शादी की सालगिरह मुबारक
समाज सेवा के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे इस दंपति को सलाम
प्रागपुर/ सतीश शर्मा विट्टू।
कैप्टन संजय पाराशर तथा उनकी धर्मपत्नी सोनिका को शादी की बीसवीं सालगिरह मुबारक। ईश्वर से प्रार्थना है कि आपकी जोड़ी यूं ही बनी रहे तथा समाज सेवा के कार्य आप निरंतर करते रहें।
कैप्टन संजय पाराशर मूल रूप से प्रदेश के जिला कांगड़ा के जसवां तहसील के स्वाणा गांव के रहने वाले हैं उनका जन्म माता शक्ति पराशर तथा पिता रमेश पराशर के घर 27 अक्टूबर 1971 को हुआ। 1990 में कैप्टन संजय पाराशर ने मर्चेंट नेवी से अपना कैरियर ₹7000 की नौकरी से शुरू किया। 2010 में उन्होंने शिपिंग कंपनी की शुरुआत की वीआर मैरिटाइम नामक शिपिंग कंपनी में वह वर्तमान में कई समुद्री जहाजों का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं। उन्होंने 2020 में चिंतपूर्णी में बीआर मैरिटाइम नामक कंपनी का चिंतपूर्णी में कार्यालय खोला ।उसके बाद उन्होंने डाडासीबा में कार्यलय खोला रक्कड़ में भी कार्यालय खोलें द नेशनल शिपिंग बोर्ड के सदस्य भी हैं हिमाचल सीफेरर्स एसोसिएशन के भी संस्थापक सदस्य हैं।
उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए कई प्रोजेक्ट बनाए हैं जिनमें शिक्षा एवं रोजगार प्रमुख हैं। क्षेत्र के सैकड़ों युवाओं को उन्होंने रोजगार उपलब्ध करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। कोविड-19 के दौरान कैप्टन संजय पाराशर तथा उनकी धर्मपत्नी सोनिका पराशर ने समाज सेवा के कार्यों में लाखों रुपए खर्च किए हैं। कोरोनावायरस काल में उन्होंने दवाइयों की दूसरी खेप 1.92 करोड पहुंचाई। उसमें तत्कालिक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऑनलाइन ट्रकों को हरी झंडी दिखाई। कांगड़ा जिले के अस्पतालों टांडा मेडिकल कॉलेज के अलावा विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों तक उन्होंने दवाइयां उपलब्ध करवाएं। संजय पाराशर विभिन्न मेडिकल कैंपों का आयोजन करवा चुके हैं। संजय पाराशर का सपना लड़कियों को भी फाइटर जेट तथा आईएएस की परीक्षा की तैयारी की भी कोचिंग करवाने का सपना पूरा कर रहे है। निरधन तथा जरूरतमंदों की व्यवस्था करते हैं। उनकी पत्नी सोनिका पराशर समाज सेवा के कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेती है। कई स्वास्थ्य केंद्रों की तस्वीर बदलने का भी उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया है। कोरोनावायरस के दौरान वह कई लोगों लोगों का जीवन बचाने में सफल रहे हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचा कर उन्होंने कई लोगों की जीवन की सांसें चलाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। कोरोना कॉल में वह अपनी टीम के साथ निरंतर लोगों की सेवा में जुड़े रहे। कोरोना काल में उन्होंने 58 मछुआरों को सकुशल वापस अपने देश पहुंचाया। ईरान के तेहरान में 58 मछुआरे फंसे हुए थे जिनमें 40 तमिल नाडु और 18 केरल के थे। उनको वापस लाने पर 15 लाख खर्च हुआ । सरस्वती विद्या मंदिरों में गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए 2100000 रुपए दिए। महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। पीएम मोदी के लोकल फार वोकल के नारे को धरातल पर उतारा संजय पाराशर ने। शिपिंग कंपनियों की यूनिफॉर्म अब स्वाणा गांव में बन रही है। इस समाज सेवा के कार्य में गांव के कई लोगों को रोजगार मिला है। हिमाचल उत्पादों को ग्लोबल बाजार उपलब्ध करवाने के लिए प्रागपुर से यूएसए में भेजी हिमाचली टोपीयां। मर्चेंट नेवी में सैकड़ों युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा दी है हिमाचल प्रदेश के विभिन्न युवा इससे लाभान्वित हो रहे हैं। विदेश जाने के लिए जो लोग लाखों रुपए एजेंटों के चक्कर में पड कर गवा देते थे इसमें भी संजय पाराशर ने रोजगार उपलब्ध करवाया है। आंगनबाड़ी केंद्रों की तस्वीर बदलने में
कैप्टन संजय पाराशर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वन संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। पर्यावरण को बचाने में हजारों की संख्या में पौधे रोपे है।
खून दान करने वालों में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। 100 से भी अधिक वार खून दान कर चुके हैं। पंजाब के होशियारपुर के लापता रंजीत का शव उनके परिवार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। युवक को एजेंटों ने विदेश भेजा था लेकिन उसे विदेश में छिपाकर रखा गया एक महीने बाद उसकी भूख के कारण मृत्यु हो गई थी।
कैप्टन संजय पाराशर एक मिसाल बन कर समाज सेवा का कार्य करते हैं।
टॉप न्यूज़ हिमाचल ऐसे योद्धा को नमन करता है तथा ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी तथा सोनिका की जोड़ी यूं ही निरंतर बनी रहे तथा वह समाज सेवा के कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान करते रहे। इस महान नायक के जीवन पर महाकाव्य लिखा जा सकता है टॉप न्यूज़ की उनकी शादी की बीसवीं सालगिरह पर कोटि-कोटि बधाई
सतीश शर्मा
टॉप न्यूज़ हिमाचल।
सोनिका संग कॅप्टन संजय पराशर

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