संजय पराशर ने फिर दी 15 युवाओं को नौकरी की स्पॉन्सरशिप
-कहा, बेरोजगारी को मिटाने के लिए लगातार करते रहेंगे प्रयास
डाडासीबा। सतीश शर्मा
जहां बेरोजगारी की समस्या में लगातार इजाफा हो रहा है, वहीं कैप्टन संजय बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। पराशर ने गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले 15 युवाओं को मर्चेन्ट नेवी की नौकरी के लिए स्पॉन्सरशिप प्रदान की है। शुक्रवार को कैप्टन संजय की पत्नी एवं वीरआर मेरीटाइम कंपनी की डायरेक्टर सोनिका पराशर ने इन युवाओं को स्पॉन्सरशिप लैटर दिए।
कैप्टन संजय ने कहा कि आज के दौर में बेरोजगारी की बड़ी समस्या है। प्रशिक्षण लेने के बाद भी युवाओं को रोजगार हासिल करने के लिए भटकना पड़ रहा है। ऐसे में उन्होंने अपनी ओर से प्रयास किया है कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया करवाया जा सके। पराशर ने कहा कि उन्होंने जसवां-परागपुर के बेरोजगार मुक्त करने का सपने देखा है। जिन युवाओं को स्पॉन्सरशिप दी गई हैं, वह छह माह तक प्रशिक्षण हासिल करने के बाद परीक्षा देंगे और फिर उन्हें शिप पर भेज दिया जाएगा। यही उनकी लाइफ का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट होगा। जो युवा कंपनी में तीन साल सफलता पूर्वक पूरे कर लेगा, उसका भविष्य संवर जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के युवाओं को मर्चेंट नेवी में नौकरी प्रदान करने के लिए डाडासीबा, रक्कड़ और चिंतपूर्णी में तीन कार्यालय खोले गए हैं।
जिन युवाओं को नौकरी की स्पॉन्सरशिप दी गई हैं, उनमें स्वाणां गांव के नितिन कुमार, दोदू राजपूतां के मनीष राणा, कड़ोआ के नितिश कुमार, मैरा (गरली) के शुभम, सिरमौर के पवन, सरड़ दाई रक्कड़ के अतुल ठाकुर, रैल के भानू प्रताप सिंह, कुहना के आदर्श शर्मा, सदवां के नितिन कुमार ठाकुर, कलोहा के शुभम, चनौर के प्यार चंद, नलेटी के निखिल धीमान, खोहर (हमीरपुर) के कार्तिक कुमार, चिंतपूर्णी के मनीष, बीड़ बिलिंग के विवेक गोस्वामी और उत्तर प्रदेश के उपेंद्र सिंह पुंडीर शामिल हैं।
स्वाणा गांव के नितिन कुमार ने बताया कि उसके पिता दिहाड़ी-मजदूरी का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा पास करने के बाद उसने आईटीआई में कोर्स किया, लेकिन उसके बाद कहीं नौकरी नहीं मिल पाई। नितिन ने कहा कि इसके बाद उन्होंने वीआर मेरीटाइम के चिंतपूर्णी कार्यालय में जाकर आवेदन किया। जहां से साक्षात्कार में चयन हुआ है। उन्होंने कैप्टन संजय का आभार जताते हुए कहा कि वह मर्चेंट नेवी में जाकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करेगा।
सरड़ दाई रक्कड़ के अतुल ठाकुर ने कहा कि वह साधारण परिवार से संबंध रखता है। पिता खेतीबाड़ी और मेहनत मजदूर कर परिवार चलाते हैं। उन्होंने कहा कि 12वीं के आईटीआई की और एक कंपनी में नौकरी भी की, लेकिन वहां कुछ अच्छा नहीं लगा। अतुल ने कहा कि वह नौकरी छोड़कर घर आ गया और डाडासीबा स्थित वीआर मेरीटाइम कंपनी के कार्यालय में अपना आवेदन दिया। अब यहां से रोजगार मिल गया है। उन्होंने संजय पराशर का आभार जताते हुए कहा कि वह मर्चेंट नेवी में अपना करियर संवारेगा और गांव व परिवार का आर्थिल संबल बनेगा।