अगर जनहित के मुद्दे उठाना गलत तो यह गलती बार-बार करूंगा-कैप्टन संजय
कहा, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाअों को आमजनमानस तक पहुंचाने में मदद की
डाडासीबा- सतीश शर्मा
कैप्टन संजय ने कहा है कि अगर जनहित के मुद्दे उठाना गलत है, तो यह गलती वह बार-बार दोहराएंगे। अच्छा होता कि इस पर नकारात्मक राजनीति करने की बजाय जनता की मूलभूत समस्याओं को हल करने का प्रयास किया जाता। पराशर ने कहा कि तंत्र से विभिन्न मुद्दों पर सवाल पूछने में ही लोकतंत्र की असल ताकत छिपी है। परागपुर में संजय ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए विजन व मिशन के तहत कार्य करना होगा और यह काम व्यवस्था परिवर्तन से ही हो सकता है।
पराशर ने कहा कि शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य जैसे सुविधाओं की अगर क्षेत्र में कमी है तो किसी की तो जबावदेही बनती है। ऐसे कैसे हो सकता है कि कई प्राईमरी स्कूल एकमात्र शिक्षक के सहारे चल रहे हैं तो कोई जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं है। कहा कि कोटला बेहड़, डाडासीबा और रक्कड़ के सरकारी महाविद्यालयों में स्टाफ की कमी के चलते अगर बच्चों का भविष्य दांव पर लग रहा है और विज्ञान विषय न होने से विद्यार्थियों को अन्य कॉलेजों के लिए अतिरिक्त सफर, धन व समय खर्च करना पड़ रहा है तो किसी को तो उत्तरदायित्व लेना होगा। संजय ने कहा कि बरसात के दिनों में कई घराें में पेयजल की किल्लत है। कई गांवों में सपंर्क मार्गों का अभाव है। किसानों को रोग के कारण बर्बाद हुई फसल का बीमा मिलने के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। बेसहारा पुशओं व जंगली जानवरों के आंतक के कारण किसानों का खेती से मोह भंग होता जा रहा है, लेकिन इन दिक्कतों पर कोई चर्चा करने तक तैयार नहीं है। कहा कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टैरस का क्या हाल है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। नए उद्योगों की स्थापना हो तो यह क्षेत्र फिर से बस सकता है और युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। बढाल गांव में हजारों कनाल भूमि का उपयोग उद्योग विभाग क्यों नहीं कर पाया, इस पर क्या सवाल पूछा जाना गलत है। संजय ने कहा कि क्षेत्र के अस्पतालों व स्वास्थ्य संस्थानों में कोरोनाकाल के बाद सुविधाओं में इजाफा होना चाहिए था, लेकिन व्यवस्था ऐसी लाचार है कि सभी अस्पताल रेफरल केन्द्र बन कर रह गए हैं। गांवाें में बने स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में स्टाफ का अभाव ीहै तो तहसील कार्यालयों में स्टाफ की कमी से हर रोज आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। संजय ने कहा कि मात्र विरोध के लिए विरोध करना उनकी आदत नहीं है। उन्होंने सरकार की उन योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया, जो जनकल्याणकारी हैं। प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना हिमकेयर कार्ड को बनाने के लिए न िसर्फ स्थानीय वासियों को प्रेरित किया, बल्कि जरूरतमंद परिवारों को यह कार्ड अपने खर्च पर बनवाकर दिए। ई-श्रम कार्ड भी ग्रामीणों को बिना किसी खर्च के बनवाकर मुहैया करवाए गए। बीमार व्यक्तियों को धर्मशाला में ले जाकर सहारा योजना के अंर्तगत फायदा पहुंचाया गया। पराशर ने कहा कि वह जसवां-परागपुर क्षेत्र के वासियों की समस्याओं को हर मंच से उठाते रहेंगे और तब तक प्रयास करेंगे, जब तक कि इन दिक्कताें का हल नहीं हो जाता।

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