हिमाचल के  अस्पतालों में 2 घंटे हड़ताल पर रहे डॉक्टर, मरीज हुए परेशान

डॉक्टरों की जायज मांगों को पूरा करें सरकार डॉ पुष्पेंद्र वर्मा

शिमला टाप . न्यूज़। हिमाचल प्रदेश में पंजाब पे कमीशन लागू न करने को लेकर प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.मेडिकल ऑफिसर संघ आज से पेन डाउन स्ट्राइक पर उतर गए हैं.जिसके चलते मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. गुरुवार को सभी चिकित्सक सुबह 9.30 बजे से लेकर 11.30 बजे तक पेन डाउन हड़ताल पर रहे और हड़ताल के दौरान अपनी-अपनी जगहों पर गेट मीटिंग और बैनर पकड़कर हड़ताल की. संघ का कहना है कि यह संघर्ष पूरे सप्ताह भर चलेगा.

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दीपक कैंथला ने कहा कि प्रदेश सरकार से बार-बार पिछले एक महीने से आग्रह करने के बाद और निजी तौर पर मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपने के बाद भी सरकार चिकित्सकों के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. वेतन विसंगतियों के लिए जब सरकार ने प्रदेश के अन्य कर्मचारी संघों को बैठक के लिए बुलाया तब भी प्रदेश के सभी चिकित्सक संघों को दरकिनार किया गया. सभी चिकित्सकों ने एकमत से फैसला लिया कि अगर इस दौरान भी सरकार उचित मांगों की तरफ ध्यान नहीं देती है तो इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा और संपूर्ण हड़ताल की जाएगी.उन्होंने कहा कि मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन नॉन प्रेक्टिव एलाउंस को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सरकार ने एनपीए जो पहले 25 फीसदी था, अब उसे घटाकर 20 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा मेडिकल ऑफिसर को 4-9-14 का लाभ नहीं मिल रहा है. जब तक इसे बढ़ाया नहीं जाएगा तक तक स्ट्राइक जारी रहेगी.उन्होंने कहा जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तब तक उनकी स्ट्राइक जारी रहेगी. फिलहाल 7 दिनों तक पैन डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी उसके बाद संघ आगामी रणनीति बनाई जाएगी. इस मौके पर मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि हिमाचल सरकार डॉक्टरों की मांगों को पूरा नहीं कर पा रही है। पंजाब स्केल himachal के कर्मचारियों का हक है जो 1970 -71 में कर्मचारियों को उनका हक कानूनी लड़ाई लड़ कर मिला है उससे हिमाचल सरकार पीछे नहीं हट सकती। उन्होंने संविदा पर नियुक्त किए जाने वाले डॉक्टरों को भी पूरा वेतन देने की मांग उठाई। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की उदंती ना होने के कारण जो वेतनमान को लेकर डॉक्टरों की मांगे हैं उन्हें सरकार पूरा करें।

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