20 साल सेवाकाल पर टीजीटी को विशेष इंक्रीमेंट की उम्मीद जागी

हिमाचल प्रदेश में सेवारत टीजीटी कला शिक्षक वर्ग वर्ष 2011 से शिक्षा विभाग के पास विशेष वेतनवृद्धियों की मांग सीएंडवी कैडर की तर्ज़ पर करते आए हैं मगर ये मांग आज तक अपूर्ण है । इस मामले को हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ अध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर ने हाल ही में प्रदेश मुख्य सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक के समक्ष उठाया जिसमें इस मांग को पूर्ण करने हेतु काफी सकारात्मक उत्तर मिला है । यह जानकारी देते हुए संघ महासचिव विजय हीर ने कहा कि 20 अप्रैल, 2011 को प्रदेश उच्च न्यायालय ने संघ की याचिका संख्या सीडब्ल्यूपी 2322/2011 में शिक्षा विभाग को सरकार के समक्ष यह मामला भेजने बारे लंबित माँगपत्र पर कारवाही के आदेश दिए थे । मगर दस साल से ये फाईल धूल फांक रही थी जिसे अब संघ न फिर से खुलवाया है । हीर ने बताया कि टीजीटी स्केल 1960 में 220-500 था जो इंजीनियर, इंस्पेक्टर, तहसीलदार वर्ग से अधिक निर्धारित था मगर दुर्भाग्य से 1986 के स्केल, 1996 एवं 2006 वेतनमान निर्धारण में संभावित बढ़ोतरी नहीं हुई एवं टीजीटी वर्ग वर्तमान में दूसरे वर्गों से वेतनमान मामलों में पिछड़ता चला गया। 31 अक्तूबर, 2005 की अधिसूचना के अंतर्गत 2692 मुख्याध्यापकों के पदों को, 117 खंड शिक्षा अधिकारी के पदों को लटकाए रखा, भर्ती एवं पदोन्नति नियम 1992 के अधीन मुख्याध्यापक-प्रधानाचार्य कोटा 60:40 को घटाकर 50:50 किया गया । 1998 में 1172 मुख्याध्यापकों के पदों को 823 सीमित करना, वर्ष 2002 में 236 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में हैडमास्टर्ज के पदों के सृजन करने उपरांत 236 टीजीटी पदों को समाप्त किया। तत्पश्चात वर्तमान 2012 तक 236 मुख्याध्यापकों के पदों को आज तक नहीं भरा गया और इनको भरने हेतु संघ ने हाई पावर कमेटी के समक्ष एजेंडा दिया है ।टीजीटी भर्ती एवं पदोन्नति नियम ‘1972-73-75, 1992, 1998 एवं 2012’ के अनुसार शत-प्रतिशत मुख्याध्यापकों को पदोन्नति (विकल्प शर्त उपरांत भी लागू न करना), जिसमें 100 प्रतिशत कोटा टीजीटी शिक्षकों से भरने का प्रावधान है, वह इस संदर्भ में लागू हो । भर्ती एवं पदोन्नति नियमावली अक्तूबर, 2009 के अधीन यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त 25 विषयों की स्नातक डिग्री को मात्र आठ विषयों तक प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा सीमित कर दिया गया है। दुर्भाग्य से टीजीटी 20 वर्ष सेवाकाल बाद प्रथम नियुक्त पद पर सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को ‘एक विषय-एक शिक्षक’ नीति आधार पर एक समान वेतनमान, ग्रेड पे नीति अधीन सम्मानजनक स्केल मिलना चाहिए । ऐसे में केंद्रीय एवं नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर टीजीटी शिक्षकों की भर्ती-पदोन्नति निश्चित करते हुए तमाम ऐसे समस्त शिक्षकों को दो विशेष वेतनवृद्धियां दिलवाने हेतु संघ भरसक प्रयास करेगा ।घर

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