पत्रकारिता से जुड़े लोगों के लिए संपादकीय सतीश शर्मा की कलम से
पत्रकारिता के लिए पत्रकारिता की डिग्री डिप्लोमा अनिवार्यता की शर्त को देश में लागू करने की जरूरत
लोकतंत्र में सरकार लोकतांत्रिक तरीकों से चलती है मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। लेकिन इस क्षेत्र में उत्थान के लिए सबका सहयोग जरूरी है सरकार को वर्तमान परिदृश्य में पत्रकारिता के लिए बदलाव लाने की जरूरत है। पत्रकार कभी थानेदार अथवा जज नहीं हो सकता उसे तो घटनाओं को प्रस्तुत करना होता है उसका विश्लेषण करना होता है तथा तथ्य पूरक तथा उद्देश्य पूर्ण जानकारियां जन जन तक पहुंचाने होती है लेकिन वर्तमान परिदृश्य में इस क्षेत्र में सरकार को एक निर्णय लेने की सख्त जरूरत है वह है पत्रकारिता के लिए पत्रकारिता की डिग्री अथवा डिप्लोमा की अनिवार्यता।

पत्रकारिता समाज सेवा का साधन है लेकिन वर्तमान परिदृश्य में हमें अवलोकन करने की जरूरत है। डॉक्टर बनने के लिए एमबीबीएस, बीएएमएस, टीचर बनने के लिए ग्रेजुएशन b.ed, इंजीनियर बनने के लिए बीटेक, वकील जज बनने के लिए ला की डिग्री अनिवार्य है इसके बिना आप इन क्षेत्रों में सेवा करने के लिए नहीं आ सकते। लेकिन पत्रकार बनने के लिए पत्रकारिता में डिग्री डिप्लोमा आधारभूत शिक्षा अनिवार्य क्यों नहीं की जा सकती। हमारा सरकार से भी अनुरोध रहेगा तथा पत्रकार संगठनों से भी की जो भी व्यक्ति पत्रकारिता के क्षेत्र में आना चाहता है उसके लिए पत्रकारिता में डिग्री डिप्लोमा को अनिवार्य बनाया जाए ताकि इस की गरिमा को बनाया रखा जा सके। जब किसी व्यक्ति को सरकार से अधिकारियों से कानून से न्याय नहीं मिलता है तो वह मीडिया में जाने की बात कह कर आपके पास आता है। पत्रकार कभी जज थानेदार नहीं हो सकता उसका कार्य तथ्यपरक उद्देश्य पूर्ण घटनाओं को प्रकाशित कर जनता तक पहुंचाने का कार्य करना चाहिए। पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रखने के लिए हम सब मीडिया के लोगों को सहयोग करना चाहिए।
हमारी यह निजी राय है हर व्यक्ति का इससे सहमत होना जरूरी नहीं है। पत्रकारिता के मान सम्मान को बनाए रखना हम सबका फर्ज बनता है।।

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