सितंबर में हो मिड डे मील का सोशल ऑडिट, घटाएँ औपचारिकताएँ
प्रदेश में मिड डे मील का सोशल ऑडिट करवाने के लिए स्कूलों को सितंबर माह तक का समय दिया जाए । शिक्षा विभाग ने स्कूलों को शीघ्र मिड डे मील का सोशल ऑडिट करवाने के आदेश जारी किए हैं क्योंकि कोविड के दौरान सोशल ऑडिट नहीं हो सका है । कोविड के बाद स्कूलों में केवल कुछ दिन ही मिड डे मील बनाया गया था और अधिकतम दिनों में मिड डे मील के चावल और डाईट मनी सीधे विद्यार्थियों को बांटे गए हैं । ग्राम पंचायतों की आम सभा में होने वाली सोशल ऑडिट के लिए दर्जनों औपचारिकताएँ शिक्षकों के लिए तय की हैं और इनको पूरा करने हेतु शिक्षकों को सितंबर माह तक का समय मिलना चाहिए क्योंकि प्रदेश के अधिकांश स्कूलों में इस समय अवकाश हैं । यह मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज ,संघ प्रचारक ओम प्रकाश , प्रेस सचिव पवन रांगड़ा , जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त , नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप , शेर सिंह ,पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण , अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने प्रदेश सरकार से की है । मिड डे मील सोशल ऑडिट हेतु बीस दस्तावेज़ चाहिए जिनमें एसएमसी मीटिंग के मिनट , कुक हेलपर्स नियुक्ति पत्र , मिड डे मील के बर्तनों व अधोसंरचना के पर्याप्त होने के दस्तावेज़ , फूड ग्रेन स्टॉक रजिस्टर , मिड डे मील रजिस्टर व पासबुक, मानदेय वितरण पासबुक पंजिका, स्कूल के उपस्थिति रजिस्टर , फूड ग्रेन परिवहन बिल, एमएमई बजट ,मिड डे मील के समान खरीदने के प्रस्ताव, शिक्षकों व वर्कर्स के क्षमता आवर्धन कार्यक्रम विवरण , मिड डे मील जागरूकता कार्यक्रम रिपोर्ट , मोनीटरिंग रिपोर्ट , खाना चखने की रिपोर्ट , आकस्मिक मेडिकल प्लान आदि का विवरण देना होगा । इन औपचारिकताओं को कम करने की अपील संघ ने विभाग से की है ।
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दें कोचिंग व कोटा
हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ महासचिव विजय हीर ने सरकार से अपील की है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए प्रोफेशनल कोचिंग की व्यवस्था का विस्तार किया जाए तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करने हेतु ऑनलाईन कोचिंग सहायता अधिकतम सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दी जाए । गौरतलब है कि ओडिशा सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग कोर्सों में 15 प्रतिशत सीटें सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों हेतु इसी सत्र से आरक्षित कर दी हैं । तमिलनाडु में भी नीट, एमबीबीएस , बीडीएस व आयुष कोर्सों में साढ़े सात प्रतिशत सीटें सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों हेतु आरक्षित की हैं । ओडिशा और तमिलनाडू की तर्ज़ पर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए 7.5 से 15 प्रतिशत सीटें विभिन्न व्यावसायिक कोर्सों में आरक्षित करने हेतु प्रदेश में भी विचार-विमर्श होना चाहिए ।