अमृतपाल सिंह मामले को हलके से न ले
भारतीय विदेश नीति मामले में कड़ी कार्रवाई जरूरीji
दिल्ली। टॉप न्यूज़ हिमाचल। पंजाब में जो हालात पैदा हुए हैं उनसे निपटने के लिए केंद्र सरकार को भी विदेश नीति में बदलाव लाने की जरूरत है। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार से देश को बड़ी उम्मीद है। 1970 के बाद पंजाब में जिस प्रकार से राजनीतिक गलियारों में माहौल बदला तथा
खालिस्थान के नारे लगाने वाले पंजाब की सत्ता के गलियारों में हलचल लाने में सफल रहे। ऑपरेशन ब्लू स्टार कारण बना तथा देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रूप में हमें ऐसा नुकसान हुआ जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। खालिस्तान आंदोलन को भारत के बाहर के देशों से जगजीत चौहान जैसे लोगों ने पोषित करने का कार्य किया। पंजाब का बेहद और जब एक सीनियर पुलिस अधिकारी को मार्कर अमृतसर में सरेआम फेंका गया था उस समय मीडिया से जुड़े लोगों ने साफ लिखा था कि इस पर पड़ी कार्रवाई की जरूरत है परंतु जब कार्रवाई नहीं की गई उसके उपरांत खिलाफत करने वालों के हौसले बुलंद हुए उसकी परिणिति भिंडरावाले की मौत तथा ऑपरेशन ब्लू स्टार के रूप में हुई बाद में इंदिरा गांधी को भी बलि चढ़ा दिया गया। उसके बाद जो हुआ उसे भुलाया नहीं जा सकता।
80 के दौर में बहुत से खिलाफत करने वाले कनाडा अमेरिका तथा अन्य देशों में शरण लेने में कामयाब रहे। पंजाब में अमन का माहौल बना लेकिन कई कुर्बानियां देनी पड़ी।
पंजाब को आज खुशहाली पर ले जाने के लिए एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था की जरूरत है जो पंजाब को संभाल सके। पंजाब में जो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य है उसमें अकाली दल हाशिए पर है। भाजपा अपनी जमीन तलाश रही है। प्रकाश सिंह बादल बूढ़े हो चुके हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है पूरे पंजाब में वर्तमान में ऐसा कोई नेता नहीं है जो पंजाबियों को एकजुट करने का मादा रखता है। गिने-चुने चेहरे पंजाब में लोगों को एकजुट करने की अपील तो कर सकते हैं लेकिन उसका असर कितना होगा देखने वाली बात है।
अमृतपाल को लेकर जो माहौल बना है सरकार ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की है लेकिन परिणाम सबके सामने हैं। विदेशों में जिस प्रकार से बगावत दिखाई गई है भारतीय झंडों को उतारा गया उसका विरोध भारत सरकार को कूटनीति के आधार पर कर उन देशों की सरकारों को कूटनीतिक विचारधारा से निपटना होगा। जिन देशों में भारत के झंडे उतारने के विरोध किए गए विश्व में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विदेश मंत्री को इन मामलों में बड़ी कार्रवाई अमल में लाने की जरूरत है था कि पंजाब में अमन चैन बहाल रहे। अमृतपाल के मामले में जिस प्रकार से पिछले दिनों कार्रवाई की गई देश उसको लेकर भी चिंतित है। पंजाब के पड़ोसी राज्य हिमाचल ने भी दंगों के दौरान काफी दुख झेले हैं कई हिमाचली पंजाब में अपना कारोबार छोड़कर शिफ्ट हो गए थे। नीति से आगे बढ़कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी टीम अमित शाह तथा विदेश मंत्री को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे।
पंजाब में आज सिद्धू की रिहाई हो रही है। पूरे पंजाब में सिद्धू राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा चेहरा है। भले ही पंजाब में कांग्रेस पार्टी सत्ता में काबिज नहीं है लेकिन सिद्धू को चाहने वाले पूरे पंजाब में मिलेंगे उनकी खिलाड़ी की ख्याति जगजाहिर है। कांग्रेस पार्टी तथा अन्य दलों को भी मिलकर इस उपज रही समस्या के लिए समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी होगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच आयोजित मीटिंग दोनों राज्यों में खुशहाली का बीज बोने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पड़ोसी राज्यों के साथ संबंधों को मधुर बनाकर हिमाचल को अग्रणी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी सब तभी होगा जब पड़ोसी राज्य में भी अमन-चैन बहाल रहेगा।