संपादकीय सतीश शर्मा की कलम से
हिमाचल प्रदेश शांति प्रिय प्रदेश है इसकी भोली-भाली जनता सदियों से मिलजुल कर रहने तथा एक दूसरे के सहयोग के लिए जानी जाती है गांवों में माहौल आज भी पुरानी परंपरा को जिंदा रखें इसके लिए हमारे प्रयास है। गांव की बेटियां बहुएं सबकी बेटियां बहुएं भाभियों बच्चे सबको धरोहर माना जाता है लेकिन कुछ समय से इसमें बदलाव आया है। भौतिकवाद की प्रवृत्ति, राजनीतिक संबंधों का ताना-बाना, राजनीतिक विचारधारा तथा अन्य कारणों से संबंधों में खटास आना शुरू हुई है। बढ़ रहे ग्रामीण क्षेत्रों में झगड़े चिंता का कारण है पिछले 1 महीने के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो पूरे प्रदेश में तो स्थितियां विश्लेषण के बाद पता चलेगी लेकिन आपसी झगड़ों का मुख्य कारण पुराने परंपरागत रास्ते भी बने हैं। कायदे से आप किसी के रास्ते को नहीं रोक सकते लेकिन भ्रम की स्थितियां तब पैदा होती है जब सरेआम गुंडागर्दी कर रास्तों के लिए एक दूसरे को पीट दिया जाता है तथा गाली गलौज किया जाता है। उपमंडल मुख्यालय बड़सर जिला हमीरपुर में इस प्रकार के बिग दिनों कई मामले सामने आए हैं। जब हमने कई घटनाओं में मौके का मुआयना किया तो माहौल इतना तनावपूर्ण पाया गया कि पड़ोसी पड़ोसी की जान लेने के लिए उतारू है। उपमंडल के साथ लगती पंचायतों के हालत खराब तथा पुलिस थाने तक मामले पहुंचे हैं कई ऐसे मामले भी है वह थाने नहीं पहुंचे लेकिन स्थितियां विकराल है। इस पर अंकुश लगाए जाने के लिए कानूनी पहलू तो काम करेंगे लेकिन व्यवहारिक तौर पर हम सब लोगों को अपनी सोच बड़ी करनी होगी। आया है वह जाएगा राजा रंक फकीर। हम से पूर्व अरबों खरबों लोग इस दुनिया से मिट चुके हैं। मानवता आपसी प्यार तथा भाईचारे का संदेश देती है। भाई भाई की जान लेने के लिए तैयार हो जाए पड़ोसी पड़ोसी को मारने के लिए तत्पर हो तो स्थितियां भयंकर है। कई जगह ऐसे मामलों में लोगों को उकसाने का कार्य भी छुट भैया नेता तथा घटिया मानसिकता के लोग कार्य कर रहे हैं। हम सबको मिलकर इस माहौल से बाहर निकलने के लिए प्रयास करने होंगे मिलजुल कर बेहतर समाज निर्माण करना होगा कानून तो अपना कार्य करेगा लेकिन पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि अगर सही ढंग से दायित्वों का निर्वहन करें तो हमारा हिमाचल स्वर्ग बन सकता है हम सब का प्रयास है इस को स्वर्ग बनाने का इसे खुशहाल बनाने का जय हिंद जय भारत जय हिमाचलचुनाव